आषाढ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा/द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११६
एक ओर हिन्दुओंके मंदिरोंको अवैधानिक सिद्ध कर वे तोडे जाते हैं, जबकि दूसरी ओर मतोंकी लालचसे मस्जिदके अनधिकृत निर्माणकार्यका समर्थन किया जाता है, यह कांग्रेसकी मुगलाई है !
मुंबई : पदपथपर किसी भी प्रकारका निर्माणकार्य करनेके लिए न्यायालयद्वारा आपत्ति उठाई गई है; परंतु बी.डी.डी. चाल क्रमांक ४२ के पदपथपर पुलिसकर्मियोंकी सुरक्षामें न्यायालय, महानगरपालिका एवं सार्वजनिक निर्माणकार्य विभागकी परवाह न करते हुए अवैधानिक रूपसे मस्जिदका निर्माणकार्य चालू है । नागरिकोंका कहना है कि स्थानीय नागरिकोंके परिवाद करनेपर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती; क्योंकि गृहनिर्माण राज्यमंत्री सचिन अहिरका ही इस निर्माणकार्यको समर्थन है, ऐसा । ( हिन्दुओ, यदि आज संगठित होकर आपने वैधानिक मार्गसे ऐसी घटनाओंको नहीं रोका, तो वर्तमान समयके वैचारिक रूपसे सुन्नत राजनेता सत्ताके लालचमें पूरा देश धर्मांधोंके नामपर कर देनेके लिए संकोच नहीं करेंगे ! इस स्थितीको परिवर्तित करने हेतु ‘हिन्दु राष्ट्र’ स्थापित करना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. यहांके पदपथपर ६९ फूट बाय ३० फूट भूमिपर साधारण पत्रेके शेडकी मस्जिदका अवैधानिक रूपसे पक्का निर्माण कार्य किया जा रहा है ।
२. ‘अंजुमन आशिकाने’ संस्थाको स्थायी रूपमें दी गई भूमिपर बांधे गए इस मस्जिदके कारण पिछले १० वर्षोंसे मार्गकी चौडाईका काम प्रलंबित है । (हिंदुओंको चाहिए कि १० वर्षोंसे चल रहे अवैधानिक निर्माणकार्यके विरुद्ध कोई कार्यवाही न करनेवाले कांग्रेसी राजनेताओंको आगामी चुनावमें उनकी योग्यता दिखाएं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. अब तो यह मस्जिद पक्की कर २० फूटके पदपथको ही हथियानेका प्रयास चालू है ।
४. मस्जिदके चारो पत्रोंकी दीवारमें सुधार करनेकी अनुमति मांगकर पक्का एवं जोरदार निर्माणकार्य कर उसपर स्लैब डालनेका काम चालू किया गया । तलघर, तलमंजिल एवं स्लैब डालकर एकमंजिल निर्माणकार्य करनेका गुप्त नियोजन है ।
५. मार्ग चौडानमेंं धार्मिक स्थल तोडकर मुंबईमें सर्वत्र मार्गोंका चौडान किया गया है । यदि ऐसा है, तो इस मस्जिदको अभय किसलिए ? ऐसा प्रश्न स्थानीय निवासियोंने उपस्थित किया । (नागरिको, केवल प्रश्न पूछकर रूके नहीं, अपितु ऐसे कुकृत्योंको नियंत्रित करने हेतु न्यायालयीन प्रक्रियाके साथ जनमत भी एकत्रित करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
६. वहांके निवासियोंने बताया कि मस्जिद एवं उसके निर्माणकार्यको स्थानीय निवासियोंका पूरा विरोध होते हुए भी अहिरने सीधे सार्वजनिक निर्माणकार्य विभागके अधिकारी एवं पुलिसकर्मियोंको ध्यान न देनेकी सूचनाएं दी हैं । अतः पुलिसकी सुरक्षामें मस्जिदका अवैधानिक रूपसे निर्माणकार्य चालू है । (इस प्रकार वैचारिक रूपसे सुन्नत राष्ट्रवादी कांग्रेसके नेताओंको ‘हिंदु राष्ट्र’ में आजन्म कठोर साधना करनेका दंड दिया जाएगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
(दैनिक सामना, ११.६.२०१४, पृष्ठ १)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात