- क्या अब तो, मौलवियोंकी वास्तविकता ध्यान में लेकर पुलिसकर्मी उन पर कठोर कार्रवाई करेंगे ?
- हिन्दुओंके विरोध में तत्परता से विषवमन करनेवाली समाचार वाहिनियोंद्वारा इस घटना पर चर्चासत्रोंका आयोजन क्यों नहीं किया जाता ? क्या असहिष्णुता का दिखावा करते हुए पुरस्कार लौटानेवालोंको यह कृत्य असहिष्णुता को प्रोत्साहन देनेवाला नहीं लगता ?
नागपुर (महाराष्ट्र) : आतंकवादविरोधी दल को संदेह है कि, पुसद के युवकोंको जिहाद के विषय में एवं गोहत्याबंदी के विरुद्ध दृक्श्राव्यचक्रिकाएं (सीडी) दर्शाने के आरोपी मौलवी सलीम मलिक उर्फ हाफिज मुजीबुर रहमान के घर से आतंकवाद विरोधी दलद्वारा कुछ सामग्री तथा ५० से अधिक दृक्श्राव्य चक्रिकाएं नियंत्रण में ली गई हैं, जिन में आपत्तिजनक ध्वनिचित्रण होने की संभावना है एवं उसकेद्वारा वह युवकोंको भडका रहा है !
इस सामग्री एवं दृक्श्राव्य चक्रिकाओंके अन्वेषण हेतु न्यायालयद्वारा मौलाना को १८ नवंबर तक पुलिस कोठरी दी गई है। (हिन्दुओंको ऐसी अपेक्षा है कि, ऐसे लोगोंको कठोर दंड दिया जाना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. अकोला के आतंकवाद विरोधी दलद्वारा मौलाना को ८ नवंबर को पुसद के मेंढीया मस्जिद से बंदी बनाया गया था। उस पर ऐसा भी आरोप लगाया गया है कि, उसने कुछ युवकोंको अफगानिस्तान में प्रशिक्षण लेने को जाने के लिए भडकाया। उसके पास से ९ सीमकार्ड नियंत्रण में लिए गए हैं।
२. बकरी ईद को पुसद में अब्दुल मलिक अब्दुल रज्जाक (आयु २० वर्ष) नामक धर्मांध ने गोहत्याबंदी के विरुद्ध संतप्त हो कर गश्त करनेवाले राज्य राखीव दल के तीन जवानोंपर छुरी से आक्रमण कर उनको गंभीर रूप से घायल किया था।
३. रज्जाक के उपरांत हिंगोली के शोएब खान को भी दलद्वारा बंदी बनाया गया। रज्जाक की जांच की कालावधि में पुसद के मौलवी सलीम मलिकद्वारा उसे भडकाने की जानकारी हाथ लगी। तभी से पुलिसकर्मी मौलवी को ढूंढ रहे थे।
४. मौलाना सलीम मलिक के अनेक समर्थकोंने गुरुवार की सुनवाई के लिए भीड की थी, जिसमें मुख्य रूप से नगर के कुछ मुसलमान संगठनोंके पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताओंका समावेश था। (आतंकवादी याकूब मेमन की अंत्ययात्रा के समय भीड करनेवालों एवं मौलाना की सुनवाई के समय भारी संख्या में उपस्थित रहनेवालोंके षडयंत्र को जानें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात