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गोहत्या पर मौन रहना यदि सहिष्णुता है तो हमें ऐसी सहिष्णुता स्वीकार नहीं – शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

जमशेदपूर – पिछले कुछ सप्ताह से, कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी और साहित्यकार ऐसा शोर मचा रहे हैं कि देश में कथित असहिष्णुता का वातावरण है ।  इसके विरोध में द्वारिका एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी महाराज ने झारखंड के जमशेदपुर में १५ नवंबर को वक्तव्य किया । उन्होंने कहा, ‘भारत जैसी सहिष्णुता, संसार के किसी देश में नहीं है ।

असहिष्णुता का शोर मचानेवाले लोग पहले ये बताएं कि वे कैसी सहिष्णुता चाहते हैं ? गाय हमारी माता है । उसकी हत्या पर भी हम न बोलें, यदि ये सहिष्णुता है तो हमें ऐसी सहिष्णुता स्वीकार नहीं ।

Shri-Krushna

परमात्मा ने भारत की धरती पर ब्राह्मण, गाय और संतों की रक्षा के लिए अनेक बार अवतार लिया । स्वयं गाय चराई । आज उसी देश में गोहत्या का विरोध करने पर असहिष्णुता का शोर मचाया जा रहा है ।’

शंकराचार्यजी ने आगे कहा, ‘हमारी संस्कृति बहुत समृद्ध है और हम बहुत सहिष्णु हैं । गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यदि इसे ही आप शांति में बाधक बताते हैं तो आप किस धर्म की बात करते हैं ? असहिष्णुता की बात करने वाले न वास्तविक धर्म जानते हैं और न ही वास्तविक सहिष्णुता ।’

स्त्रोत : जागरण

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