आषाढ कृष्ण पक्ष ५, कलियुग वर्ष ५११६
![]() |
नई दिल्ली : भारत के आंध्रप्रदेश राज्य में पाया जाने वाला रक्त चंदन नामक पेड़ की लकड़ी ऎसी है कि इस पर परमाणु विकिरण को कोई प्रभाव नहीं होता। इतना ही नहीं बल्कि इसकी लोगों को भी परमाणु विकिरण से बचा सकती है।
यह चौंका देने वाली खोज चीनी वैज्ञानिकों द्वारा की गई है। यही वजह है कि इस लकड़ी की चीन में बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद भारतीय गुप्तचर संस्थाओं को इसकी जानकारी मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। अब इसे रोकने के लिए शख्त कानून बनाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।
पूरी दुनिया में केवल आंध्रप्रदेश में मिलने वाले दुर्लभ रक्त चंदन की इन दिनों चीन में जबरदस्त मांग है। यहां से इसे वैध और तस्करी दोनों के तरीकों से ले जाया जा रहा है। इस लकड़ी की तस्करी के एक साल के अंदर सौ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
इससें पहले लोगों यह बात समझ में नही आई थी चीन आखिरकार इस लकड़ी का क्या कर रहा है हाल ही में मिली गोपनीय सूचना के अनुसार वह इस लकड़ी का बड़ा स्टॉक परमाणु विकिरण से बचने के लिए कर रहा है। चीन को यकीन है कि अगर परमाणु युद्घ हुआ तो रक्त चंदन की लकड़ी का लेप लगाकर विकिरण बचा जा सकता है।
हालांकि इस तथ्य के पीछे अब तक कोई वैज्ञानिक आधार नहीं मिला है, लेकिन जिस तरह से गोपनीय सूचना मिली है, वह चौंकाने वाली है। इस लकड़की को चीन २ हजार रूपए प्रति किलो के हिसाब से खरीद रहा है। इसके चलते आंध्रप्रदेश में इस चंदन की लकड़ी की तस्करी भी अचानक से बढ़ चुकी है।
रक्त चंदन की लकड़ी के कारण कई सरकारी कर्मचारियों की आंध्रप्रदेश में हत्याएं तक हो चुकी है। और अब इस नए खुलासे के बाद मामला बहुत गंभीर हो गया है। खबर है कि तस्करी के जरिए सर्वाधिक रक्त चंदन की लकड़ी ही देश के बाहर जा रही है।
स्त्रोत : पत्रिका