लोकशाही के चौथे आधार रहनेवाले ‘पत्रकारिता !’ का आश्यर्यकारक उदाहरण !
मैड्रिड : भारतीय मूल के एक सिख युवक का छायाचित्र को स्पेन के सबसे प्रतिष्ठित समाचारपत्र ने मुखपृष्ठ पर छापकर उसे पैरिस आक्रमण में शामिल बताया। लेखक और कार्यकर्ता वीरेंदर जुबाल कनाडा में रहते हैं और कभी पैरिस नहीं गए। फिर भी उन्हें पैरिस हमलों में शामिल आतंकी करार दे दिया गया। हालांकि, बाद में समाचारपत्र को समझ आ गया कि उसे गलत जानकारी मिली है और उसने माफी भी मांगी।
जुबाल हाथ में एक आईपैड लिए हुए थे। उनकी तस्वीर में छेड-छाड कर आईपैड को कुरान में बदल दिया और उन्हें आत्मघाती जैकेट पहने हुए दिखाया गया था। फोटो में कुरान और सुसाइड जैकेट को फोटोशॉप के जरिए डाला गया है। यह तस्वीर फ्रांस हमले के बाद तेजी से फैल गई।
इसके बाद स्पेन के सबसे बडे समाचारपत्र La Razón के साथ ही इटली के दो समाचारपत्रोमें भी जुबाल का यह आतंकी चित्र प्रसिद्ध किया गया । इतना ही नहीं इटली के एक चैनल ने भी इस चित्र को अपने टि्वटर हैंडल पर पोस्ट कर दी, जिसके करीब २० लाख फालोअर्स हैं।
स्वयं सोशल मीडिया पर सक्रिय रहनेवाले जुबाल को जब इसका पता चला, तो उन्होंने ट्वीट किया- ‘फोटोशॉप चित्र के कारण मैं वायरल हो गया, इसमें मुझे आतंकवादी बताया जा रहा है।’ टि्वटर पर उनके करीब १०,००० फॉलोअर्स हैं।
उन्होंने आगे लिखा, ‘मेरा यह चित्र स्पेन के एक बडे समाचारपत्र में छपा है, जिसमें मुझे पैरिस हमले में शामिल आतंकी बताया गया है।’ वैसे स्पेनिश समाचारपत्र ने जुबाल से टि्वटर पर माफी मांग ली है, किंतु उनसे संबंधित यह समाचार इटली सहित कई यूरोपियन साइट्स पर अब भी चल रही है।
स्त्रोत : नई दुनिया