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इस्लामिक चरमपंथ का बेल्जियम में लंबा इतिहास रहा है !
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बेल्जियम में और विदेशों में भी किए गए कई हमलों में बेल्जियम का कनेक्शन सामने आया है !
पेरिस : फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए आतंकी आक्रमण के बाद बेल्जियम पर उंगलियां उठ रही हैं। उसे जिहादी गतिविधियोंके स्वर्ग के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। दरअसल, पेरिस हमले के बाद पुलिस ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स से कई संदिग्ध आतंकियोंको गिरफ्तार किया है।
एक करोड १० लाख की जनसंख्यावाले बेल्जियम के मोलेनबीक जिले में दबिश डालकर सात संदिग्धोंको गिरफ्तार कर लिया गया। जांचकर्ताओंका मानना है कि मोरक्को के अप्रवासी दुकानदार के बेटे अब्देलहमीद अबौद ने ही पेरिस हमलोंकी साजिश रची थी।
हमलोंकी जांच अब इस मोरक्को मूल के २७ वर्षीय अब्देलहमीद अबौद पर ही केंद्रित हो गई है। एक अंग्रेजी समाचारपत्र की खबर के अनुसार, अबौद बेल्जियम के युवकोंके संघ का सिर्फ एक विभाग ही है, जिन्होंने पूरे यूरोप में आतंकी वारदातोंको अंजाम दिया।
आईएस से जुडने के लिए देश से ५०० युवा सीरिया भी गए हैं। किसी भी यूरोपीय देश में बेल्जियम से ज्यादा विदेशी युवक सीरिया नहीं गए हैं। आखिर बेल्जियम इस दौर के सबसे घातक आतंकवाद का केंद्र क्यों बन गया है ? दरअसल, इसका कोई एक कारण नहीं है।
इस्लामिक चरमपंथ का बेल्जियम में लंबा इतिहास रहा है। बेल्जियम में और विदेशों में भी किए गए कई हमलों में बेल्जियम का कनेक्शन सामने आया है। साल २००१ में अमेरिका पर आकम्रण, तालिबान विरोधी लडाके अहमद शाह मसूद की हत्या इनके पीछे भी बेल्जियम का संबंध उभरा था।
वर्ष २००५ में, बेल्जियम की मुरेल डेगक ने इस्लाम अपनाया और इराक में आत्मघाती हमला कर खुद को उड़ा लिया। कुछ समस्याओंकी जडे बहुत गहरी हैं। इसमें १९७० में लिया गया वह निर्णय भी शामिल है, जिसमें सऊदी अरब को मोरक्को के अप्रवासियोंको पढाने के लिए प्रीचर्स (उपदेश देने वालों) को भेजने की अनुमति दी गई थी।
ब्रसेल्स की बड़ी मस्जिद पर अभी भी सऊदी अरब के शाही परिवार का मालिकाना हक है। बेल्जियम के पुलिस अध्यक्ष कमिश्नर ने कहा कि, ४७४ बेल्जियम के नागरिकोंका सीरिया से संबंध रहा है। इनमें से करीब १३० वापस देश लौट आए, जबकि ७७ लडाके सीरिया में ही लडते हुए मारे गए। फिलहाल करीब २०० से ज्यादा बेल्जियम के नागरिक अब भी सीरिया में ही आईएस के साथ मिलकर जंग लड रहे हैं।
बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल ने देश से चरमपंथ को उखाड फेंकने की बात कही है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि, मोलेनबीक की समस्या बेहद गंभीर है। उन्होंने धर्मविशेष के २२ स्थलोंको बंद कर देने का सुझाव भी दिया है।
स्त्रोत : नई दुनिया