आषाढ कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
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ऑटोमैटिक हथियार लिए दर्जनों सोमाली चरमपंथियों ने केन्या के छोटे से तटीय शहर पर घंटों तक हमला जारी रखा। आतंकियों ने पुलिस चौकी पर धावा बोला, दो होटलों को आग लगाई और सड़कों पर गोलियां चलाईं। इन हमलों में कम से कम ४८ लोग मारे गए।
यह हमला स्थानीय समयानुसार रविवार रात आठ बजे शुरू हुआ और उस समय शहर के लोग टीवी पर विश्व कप के मैच देख रहे थे। देश की सुरक्षा व्यवस्था इस हमले का ज्यादा विरोध नहीं कर पाई और यह हमला सोमवार सुबह तक चलता रहा।
प्रशासन ने इसके लिए अलकायदा से संबद्ध सोमालिया के आतंकी संगठन अल-शबाब को जिम्मेदार ठहराया है। केन्या के शीर्ष पुलिस कमांडर डेविड किमाइयो ने कहा कि मृतकों की संख्या ४८ है।
पुलिस के एक अन्य कमांडर ने कहा कि ब्रीज व्यू होटल पर लोग विश्वकप देख रहे थे। बंदूकधारियों ने पुरुषों को खींचकर अलग किया और महिलाओं को आदेश दिया कि वे अपने पुरुष साथी की हत्या होते हुए देखें।
हमलावरों ने महिलाओं को बताया कि केन्याई सैनिक यही सब सोमालिया के भीतर सोमालियाई पुरुषों के साथ कर रहे हैं। पुलिस कमांडर ने नाम न छापने का आग्रह किया क्योंकि वह हमले की जानकारी साझा करने के लिए अधिकृत नहीं था।
पुलिस की एक प्रवक्ता ने कहा, 'अधिकारियों को लगता है कि इस हमले में दर्जनों हमलावर शामिल थे। यह हमला पेकेटोनी शहर में हुआ, जो कि पर्यटन के केंद्र लामू से २० किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित है।'
इस क्षेत्र में पर्यटन में हिस्सा लेने वाले लोग अधिकतर स्थानीय हैं और बहुत थोड़े ही विदेशी पर्यटक इस क्षेत्र में आते हैं। यह शहर सोमाली सीमा से लगभग १०० किलोमीटर दूर है। पेकेटोनी राजधानी नैरोबी से लगभग ६०० किलोमीटर दूर है।
पिछले कुछ माह में केन्या में लगातार गोलियों और विस्फोटकों के जरिए हमले हुए हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने हाल ही में इस देश के लिए आतंकी खतरों की चेतावनी में सुधार किया है। रेत से भरे बैगों के पीछे मरीनों को नैरोबी में अमेरिकी दूतावास की छत पर तैनात किया गया है।
केन्या के राष्ट्रीय आपदा संचालन केंद्र ने कहा कि कुछ ही समय बाद सैन्य निगरानी विमान लगा दिए गए थे।
हमले का शिकार बने शहर के पास का शहर लामू यूनेस्को का विश्व हिरासत स्थल है और यह देश का सबसे पुराना बसा हुआ शहर है। इस क्षेत्र में २०११ में विदेशी पर्यटकों के अपहरण कर लिए गए थे और केन्या ने कहा था कि इस घटना के चलते ही सोमालिया पर हमला बोलने के लिए उसे बढ़ावा मिला। उन हमलों और लगातार आतंकी धमकियों के बाद से लामू के आसपास पर्यटन में तेज गिरावट आई है।
स्त्रोत : आज तक