कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग क्षेत्र के एक परिवार ने दावा किया है कि, पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान क्षेत्र में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में मरनेवालों में उनका बेटा भी शामिल था।
नगम कोकरनाग के रहनेवाले गुलाम अहमद डार ने बताया कि, उनका बेटा मोहम्मद अशरफ डार सन २०११ में, जब उसकी आयु मात्र १५ साल थी वह घर से गायब हो गया था। परिवारवालोंके दावे के अनुसार उसके गायब होने के बाद हिज्बुल के कमांडर नूर-उल-हक ने उन्हें सूचना दी थी कि, उनका बेटा आतंकियोंके साथ ट्रेनिंग के लिए सीमा पार कर गया है। तीन साल बाद २००४ में अशरफ ने अपने घरवालोंसे संपर्क किया और नूर-उल-हक की बातोंकी पुष्टि की। अशरफ गत दिसंबर तक अपने परिवार के संपर्क में था।
अल कायदा की मीडिया विंग ने जारी किया वीडियो
अल कायदा की मीडिया विंग एएस-सहाब ने अपनी ‘जिहादी यादें’ श्रृंखला के तहत इस सप्ताह एक वीडियो जारी किया था जिससे अशरफ उर्फ उमर कश्मीरी की पहचान उजागर हुई। तीन मिनट के इस वीडियो में अशरफ को कश्मीर के कोकरनाग क्षेत्र का रहनेवाला बताते हुए उसे अपने साथियोंके साथ दिखाया गया था। इस वीडियो में अशरफ अपने मां-बाप और परिवार की बातें करता दिख रहा है। इस वीडियो में अशरफ और उसके साथ दिखनेवाला कारी इमरान दोनों ५ जनवरी २०१५ को अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जा चुके हैं।
अशरफ के घरवालोंने की पुष्टि
अशरफ के भाई नजीर अहमद डार ने इंडिया टुडे से बताया, ‘अल कायदा के जिस कश्मीरी युवक की फोटो और वीडियो देखे जा रहे हैं वो मेरे भाई के ही हैं।’ यदि इस परिवार का ये दावा सच होता है तो अशरफ अल कायदा के लिए मरनेवाला पहला कश्मीरी आतंकी होगा।
स्त्रोत : आज तक