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‘राष्ट्रहित’ एवं ‘सुरक्षा हेतु’ हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा महाराष्ट्र में दादर, अंधेरी एवं ठाणे में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन !

आंदोलन हिन्दुत्वनिष्ठोंका है अथवा पुलिसकर्मियों का ?

अंधेरी में हुए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन की व्यवस्था के लिए अधिक संख्या में आई पुलिस !

सांताक्रूझ (डोमेस्टीक) हवाई अड्डा परिसर में ए.टी.सी. मनोरे के पास वाहनतल में अवैधानिक रूप से बांस एवं तिरपाल की सहायता से बांधी गई शेड को तत्काल हटा कर वहां होनेवाला अवैधानिक नमाजपठन त्वरित रोंक लगाना; इसिस आतंकवादी संगठन में सम्मिलित होने निकले भिवंडी के २० बांग्लादेशी युवक तथा उनको सहायता करनेवाले एवं आधार देनेवाले सभी लोगोंपर कठोर कार्रवाई करना एवं धर्मांधोंद्वारा कर्नाटक के गोरक्षक, बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रशांत पुजारी की हत्या, तथा पूरे देश में गोरक्षकोंपर निरंतर होनेवाले प्राणलेवा आक्रमणोंको देखते हुए गोरक्षा करनेवाले कार्यकर्ताओंको स्वसंरक्षणार्थ शस्त्र पास रखने की अनुमति मिलने हेतु २१ नवंबर को अंधेरी (पू.) के मिरजकर स्मारक चौक, दादर (पू.) के स्वामीनारायण मंदिर के समक्ष एवं ठाणे के जांभली नाका इन स्थानोंपर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया।

महत्त्वपूर्ण … !

१. दादर, अंधेरी एवं ठाणे में हुए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंके कार्यकर्ताओंके साथ क्रमशः ७०, ६० एवं २५ से अधिक धर्माभिमानी हिन्दू सम्मिलित हुए थे !

२. इस अवसर पर भारी संख्या में धर्माभिमानी एवं राष्ट्रप्रेमी हाथ में फलक धारण कर घोषणा देते हुए उपस्थित थे। अनेक लोंगोंका ध्यान आकर्षित करनेवाले इस आंदोलन के समय अनेक नागरिक मार्ग, सार्वजनिक पूल आदि स्थान पर रुक कर इस आंदोलन को देख रहे थे !

३. ठाणे में वर्षा होते हुए भी अंत तक आंदोलन शुरू था। इस अवसर पर हिन्दुत्वनिष्ठोंके उपरोक्त मांगोंके लिए शासन को दिए गए निवेदन पर सैकडों नागरिकोंद्वारा हस्ताक्षर किए गए !

४. अंधेरी एवं ठाणे में स्थानीय पुलिसकर्मियोंद्वारा हिन्दुत्वनिष्ठोंको अच्छा सहयोग मिला; परंतु दादर के आंदोलन में हिन्दुत्वनिष्ठोंको माटुंगा पुलिस के छल का सामना करना पडा !

समिति के श्री. प्रसाद मानकर को पुलिसकर्मियोंद्वारा सूचना (नोटिस) देकर आंदोलन शीघ्र समाप्त करने पर विवश किया गया !

दादर (पू.) के स्वामीनारायण मंदिर के सामने आंदोलन चालू रहते में माटुंगा पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री. बी.एच. काकडद्वारा समूहबंदी, कानून एवं सुरक्षा का कारण आगे करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के प्रतिनिधि श्री. प्रसाद मानकर को फौजदार दंड प्रक्रिया संहिता धारा १४९ के अनुसार सूचना (नोटिस) दी गई।

पुलिसद्वारा केवल श्री. प्रसाद मानकर को सूचना (नोटिस) दी गई थी। तब भी वहां की पुलिस ने हिन्दू जनजागृति समिति के अन्य कार्यकर्ताओंके नाम एवं अन्य जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया एवं उसके अनुसार नाम भी लिए।

इस आंदोलन के लिए सायं. ५ से ६.३० डेढ घंटे की अनुमति होते हुए भी माटुंगा के पुलिस वहांके हिन्दुत्वनिष्ठोंको बार-बार कह रहे थे कि आंदोलन के लिए एक ही घंटा दिया गया है। पुलिस के आग्रह से हिन्दुत्वनिष्ठोंको बिना कुछ कहे यह आंदोलन सायं ६.१५ बजे ही समाप्त करना पडा। वहां उपस्थित पुलिसद्वारा आंदोलन की अनेक गतिविधियोंका ध्वनिचित्रीकरण किया गया ! (क्या कभी, पुलिसद्वारा ऐसा ही बर्ताव अन्य धर्मियोंके आंदोलन के समय किया जाता ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

उपरोक्त स्थानोंपर विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंके मान्यवरोंद्वारा प्रस्तुत किए गए विचार

१. अंधेरी

अंधेरी

देशवासियोंकी सुरक्षा हेतु सांताक्रज हवाई अड्डा परिसर के अवैधानिक प्रार्थनास्थल को हटाएं ! – श्री. अजय शेलार, अध्यक्ष, हिन्द स्वराज प्रतिष्ठान

मुंबई हवाई अड्डे के पास अवैधानिक नमाजपठन के विषय में हमने स्थानीय पुलिस थाना एवं संबंधित जी.वी.के. आस्थापन से बार बार पत्रव्यवहार करने पर भी उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

आतंकवादियोंद्वारा आसानी से इसका लाभ लेकर बमविस्फोट समान कृत्य किए जाने की संभावना है !

इसलिए हमारी मांग है कि देशवासियोंकी सुरक्षा हेतू सांताक्रूझ (डोमेस्टीक) हवाई अड्डे के ए.टी.सी. मनोरे के पास वाहनतल में अवैधानिक रूप से बांस एवं तिरपाल की सहायता से बांधी गई शेड त्वरित निकाली जाए। इस आंदोलन के माध्यम से इसका तीव्र विरोध किया जायेगा। जब तक यह अवैधानिक निर्माण कार्य तोडा नहीं जाएगा, तब तक हमारी लडाई चालू ही रहेगी !

अवैधानिक नमाजपठन पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए ! – डॉ. उदय धुरी, मुंबई प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

मुंबई हवाई अड्डा अतिसंवेदनशील एवं शांतिक्षेत्र है एवं उस पर स्थायी रूप से आतंकवादियोंका लक्ष्य रहा है।

हमारी ऐसी मांग है कि, सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे स्थान पर प्रतिदिन अवैधानिक नमाजपठन अत्यंत गंभीर बात होने के कारण इस संदर्भ में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। इस हवाई अड्डे के पास अवैधानिक रूप से नमाजपठन करने की अनुमति देनेवाले स्थानीय पुलिस, प्रशासन एवं संबंधित जी.वी.के. आस्थापन का हम हिन्दू बांधव धिक्कार कर रहे हैं !

भिवंडी के २० बांग्लादेशी युवक तथा भारत के अन्य क्षेत्र के धर्मांध आइ.एस.आइ.एस. आतंकवादी संगठन में सम्मिलित होने हेतु निकले हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस को उन्हें समझाने की भूमिका में न जाते हुए उन पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

हमें हमारी गोमाता की रक्षा हेतु शस्त्र पास रखने की अनुमति मिलनी चाहिए ! – श्री. दिनेश सोलंकी, हिन्दू एकता मंच

गाय हमारी माता है। आज गोरक्षकोंपर होनेवाले आक्रमणोंको देखते हुए हमारी माता की रक्षा हेतु हमें शस्त्र पास रखने की अनुमति मिलनी चाहिए। उसीप्रकार आइ.एस.आइ.एस. को सहायता करनेवालोंपर कठोर कार्रवाई होनी, आवश्यक है !

‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु सभी को संगठित होना चाहिए ! – श्री. शिवशंकर तिवारी, धर्माभिमानी

वर्तमान में हम असुरक्षित वातावरण में जीवन निर्वाह कर रहे हैं। आज हिन्दू समाज अनेक समस्याओंसे घिरा हुआ है। ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित होने पर ही इन सभी गैर प्रकारोंको रोंक लगेगी एवं इन समस्याओंका निराकरण होगा। इसलिए ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतू सभी को संगठित होना ही चाहिए !

२. दादर

दादर

गोरक्षा हेतु हिन्दुओंको संगठित होना चाहिए ! – श्री. प्रभाकर भोसले, शिवकार्य प्रतिष्ठान, विक्रोळी

अभी भी पूरे देश में भारी मात्रा में गोहत्याएं हो रही हैं। यदि हिन्दू संगठित हुए, तो गोहत्या करने से पूर्व ही करनेवालोंके हाथ कांप उठेंगे ! हिन्दुओंको गोरक्षा हेतु संगठित होना ही चाहिए !

गोरक्षकोंको सुरक्षा देनी चाहिए ! – श्री. सुशीलकुमार वर्मा, शिव प्रतिष्ठान हिन्दुस्तान

जिस प्रकार शिवाजी महाराजद्वारा गोमाता की सुरक्षा की गई। उसका आदर्श ले कर शासन को भी गोरक्षा हेतु ठोस कदम उठा कर गोरक्षकोंको सुरक्षा देनी चाहिए।

गोरक्षकोंको स्वयं की सुरक्षा हेतु शस्त्र अनुज्ञप्ति मिलना आवश्यक ! – श्री. राजू कदम, हिन्दू एकता संघर्ष समिति

श्री. प्रशांत पुजारी की हत्या होने पर उनके परिवारजनोंको किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली। इसके विपरित, दादरी प्रकरण में वहां मुसलमानोंको त्वरित सहायता मिली। ऐसा पक्षपात हिन्दुओंसे क्यों किया जाता है ? गोरक्षकोंको अपनी सुरक्षा हेतु शस्त्र पास रखने की अनुज्ञप्ति मिलनी ही चाहिये !

३. ठाणे

ठाणे

कर्नाटक शासन हिन्दुओंको समाप्त करने का कार्य कर रहा हैं ! – श्री. विक्रम भोईर, विश्‍व हिन्दू परिषद

कर्नाटक में प्रशांत पुजारी फूल बिक्री का व्यवसाय करते समय गोहत्या रोकने का भी कार्य कर रहे थे। भाजपा शासन के समय गोहत्या बंदी कानून लागू किया गया था। परंतु कांग्रेस सरकारने (धर्मांधोंके) मतोंकी चापलूसी हेतु गोहत्या बंदी उठाई। महाराष्ट्र में भी अभी अभी कानून लागू किया गया है, परंतु फिर भी ‘उनकी चाह’ हेतु अभी भी गोतस्करी हो रही है। प्रशांत पुजारी की हत्या करनेवालोंको शीघ्रातिशीघ्र बंदी बनाएं।

इसी कर्नाटक शासनद्वारा टीपू सुलतान के विषय में विवाद उत्पन्न किया है। कर्नाटक में शासन हिन्दुओंको समाप्त करने का कार्य कर रहा है। ‘गोरक्षा हेतु जो बीच में आ रहे हैं, वे मारे जाएं’ ऐसा कार्य ये शासन कर रहा है।

हम भारत में है अथवा पाकिस्तान में ? – श्री. मनोज सुर्वे, हिन्दू महासभा

गोरक्षक प्रशांत पुजारी के घर उनसे भेंट करने हेतु कर्नाटक शासन में से कोई नहीं गया; परंतु दादरी के मुसलमान मर जाने पर सभी नेता उनसे मिलने गए। उन्हें ४७ लाख रुपयोंकी सहायता भी की जाती है तथा शासकीय नौकरी भी मिलती है। परंतु गोरक्षा करनेवाले प्रशांत पुजारी को कुछ भी नहीं मिलता। गोमांस खानेवालोंको शासन मनचाही सहायता करेगा एवं उन्हें कुछ हुआ, तो शासनद्वारा लाखो रुपए एवं नौकरीयां मिलेगी, तो हम भारत में रहते हैं अथवा पाकिस्तान में ऐसा प्रश्‍न पडा, तो उस में क्या आश्चर्य है ?

हम में से हर एक के अंतःकरण में गाय का महत्त्व अंकित होना चाहिए ! – श्रीमती राधा सुर्वे, सनातन संस्था

गोहत्याएं ऐसी ही होती रहीं, तो गाय को नैवेद्य चढाने के लिए हमें इधर-उधर भटकना पडेगा। इसलिए सभी हिन्दू बंधुओंको गोरक्षकोंके समर्थन में खडा रहना चाहिए। गोरक्षा करनेवाले स्वयं अपने लिए नहीं, अपितु हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु आगे आ रहे हैं। हम में से हर एक के अंतःकरण में गाय का महत्त्व अंकित होना चाहिए।

आइ.एस.आइ.एस. में जानेवालोंको देशद्रोही घोषित करें ! – श्रीमती वेदिका पालन, हिन्दू जनजागृति समिति

अपने जिले में से कुछ लोग आइ.एस.आइ.एस. आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए जाते हैं। इस विषय में हमें कुछ भी प्रतीत नहीं होता। आइ.एस.आइ.एस. में शामिल होनेवाले व्यक्ति एवं संगठनोंको देशद्रोही के रूप में घोषित करें एवं उन पर कड़ी कार्रवाई करें। मुंबई हवाई अड्डे के पास कोई ऐसे ही १० मिनट खडा रहा, तो भी सुरक्षा रक्षक उसे पूछता है कि यहां क्यों खडे रहते हो ? परंतु अनधिकृत नमाजपठन करने के लिए आनेवाले को एक साधारण सी पूछताछ भी नहीं की जाती ! ऐसा क्यों ?

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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