इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी भारत में अपना जाल फैला रहे हैं। इस काम के लिए उनका सबसे बड़ा हथियार है इंटरनेट। जिसके जरिए वे युवाआेंं को गुमराह करते हैं। कश्मीर के रास्ते सीमा पार करके भारत के ८० युवक इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए गए हैं। यह खुलासा देश के गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट से हुआ है।
इस्लामिक स्टेट दुनिया का सबसे बर्बर आतंकी संगठन है। यह संगठन युवाआें को गुमराह करके उपयोग करता है। उन्हें धर्म के नाम पर, कौम के नाम पर गुमराह करके आतंक की आग में झोंक देता है। अब आईएस ऐसे ही हथकंडों को भारत में इस्तेमाल कर रहा है। उसने यहां भी अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया है। वो मौजमस्ती का जाल फैलाकर नौजवानों को गुमराह करता है, जिसमें कुछ भारतीय नौजवान भी फंस गए हैं।
आईएस के जाल में फंसे भारतीय
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक २३ भारतीय नौजवान आईएस से जुड़ चुके हैं। जिनमें से 6 नौजवान आईएस के लिए लड़ते हुए मारे गए। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ८० भारतीय नौजवान कश्मीर से सीमा पार कर चुके हैं। ये सभी इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए सीमा पार गए हैं। इस बात ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
लड़ते हुए मारे गए ये भारतीय
इस्लामिक स्टेट के जाल में फंसने वालों में उत्तर प्रदेश से लेकर कर्नाटक और तेलंगाना तक के नौजवान शामिल हैं। आईएस के लिए लड़ते हुए जिन ६ भारतीयों की मौत हो चुकी हैं उनके नाम हैं।
०१। मोहम्मद उमर सुब्हान, शिवाजीनगर, बैंगलोग
०२। आतिफ़ वसीम मोहम्मद, आदिलाबाद, तेलंगाना
०३। मौलाना अब्दुल कादिर सुल्तान, भटकल, कर्नाटक
०४। शमीम फारूक टंकी,कल्याण, ठाणे, महाराष्ट्र
०५। फैज मसूद, कोक टाउन, बैंगलोर
०६ । मोहम्मद साजिद, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
भारत पर नहीं पड़ेगा असर
हालांकि भारत के साथ ही आतंक के खिलाफ जंग छेड़ने वाला अमेरिका भी मानता है कि इस्लामिक स्टेट का हिंदुस्तान पर ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला। भारत के नौजवान आसानी से आईएस के बहकावे में नहीं आएंगे। यही बात भारत के लिए सुकून वाली है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के नौजवान भी गुमराह
गृहमंत्रालय की रिपोर्ट में यह खुलासा भी हुआ कि भारत से आईएस में जाने वालों की संख्या भले ही कम हो मगर पाकिस्तान और बांग्लादेश से कई नौजवान लड़के इस्लामिक स्टेट के जाल में ज्यादा फंस रहे हैं। इन दोनों पडोसी मुल्कों के नौजवान मजहब के नाम पर आसानी से आईएस के झांसे में आ रहे हैं। हालांकि बगदादी की फौज में फंसने के बाद उन्हें हकीकत भी जल्द ही पता चल जाती है।
मिलता है निचले दर्जे का काम
भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान से गए युवाओं को निचले दर्जे का काम मिलता है। सीनियर पदों पर अरब और सीरिया के आतंकी रहते हैं। जिन्हें बेहतर हथियार, सुरक्षित काम और बढ़िया वेतन मिलता है। भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीकी मूल के आतंकियों से भेड़ बकरियों सा बरताव होता है। साथ ही लड़ाई के मैदान में उन्हें आगे रखा जाता है। ताकि अरब आतंकियों की मौत कम हो।
आईएस के पाखंड का पर्दाफाश
गृह मंत्रालय की यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है। यह देश में बढ़ते इस्लामिक स्टेट के खतरे की तरफ इशारा करती है। और साथ ही यह रिपोर्ट दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन के पाखंड का पर्दाफाश भी करती है। एलान-ए-आतंक का सबसे बड़ा झूठ भी बेनकाब हो चुका है।
स्त्रोत : आज तक