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ब्रिटेन में मुस्लिमोंसे बढ़ी ‘असहिष्णुता’, ३००% का उछाल

लंदन : पैरिस में आतंकी हमले के बाद ब्रिटेन में मुसलमानों से नफरत बढ़ गई है। इस अटैक के बाद ब्रिटेन में मुस्लिमोंको १०० से ज्यादा नस्लीय हमलोंका सामना करना पड़ा है। मंत्रियोंके लिए तैयार किए गए आंकड़ोंसे यह पता चला है। मुस्लिम के प्रति घृणा पर सरकार के कार्य समूह के लिए तैयार की गई रिपोर्ट ‘द इन्डिपेंडेंट’ को मिली है। इससे पता चलता है कि ब्रिटेन में ‘इस्लामोफोबिया’ या मुस्लिमोंके प्रति नफरत में ३०० पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है।

नफरत में यह उछाल फ्रांस की राजधानी पैरिस में आतंकी हमले के ठीक बाद आया है। ब्रिटेन में इस मामले में सबसे ज्यादा निशाना मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं, जिनकी उम्र १४ से ४५ के बीच है, उनको बनाया गया। ये सभी पारंपरिक इस्लामिक ड्रेस में थीं। इनको निशाना बनानेवाले गोरे पुरुष हैं जिनकी उम्र १५ से ३५ के बीच है।

इस फिगर को ‘टेल ममा हेल्पलाइन’ ने तैयार किया है। इसमें मुस्लिमोंपर मौखिक और शारीरिक हमलोंके साथ मस्जिदोंको निशाने बनाए जाने के वाकयोंको दर्ज किया गया है। इस मामले में कई लोगोंने पुलिस से संपर्क किया और प्रतिरोध भी किया। इसके साथ ही इन्होंने अपने सामुदायिक ग्रुपोंसे भी इन हमलो को लेकर संपर्क साधा। रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर हमले सार्वजनिक स्थानोंपर हुए। इनमें बसें और ट्रेन भी शामिल हैं। हिजाब पहने ३४ महिलाओंपर अटैक हुए जबकि इनमें ८ बच्चे भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ितों में सबसे ज्यादा १४ से ४५ की उम्रवाली मुस्लिम महिलाएं हैं। जिन महिलाओंने हिजाब पहन रखे थे उन पर मौखिक और शारीरिक हमले ज्यादा हुए। इन्हें धमकियां भी मिलीं।

पीड़ितोंका कहना है कि जब उन पर हमले हुए तो किसी ने मदद नहीं की और न ही हमदर्दी जतायी। इसका मतलब यह हुआ कि वे हमले के दौरान खुद को पीड़ित, शर्मसार, अकेला और गुस्से में महसूस कर रहे थे। पीड़ितों में से १६ लोगोंका कहना है कि वे घर से बाहर जाने को लेकर डरे हुए हैं और उनका भरोसा टूटा हुआ है। इन मामलों में आठ मुस्लिम बच्चोंको उनकी मां के खिलाफ पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भद्दी टिप्पणी सुननी पड़ी। इन माताओंका कहना है उन्होंने अपने बच्चोंको लोगोंके आक्रामक तेवर से डरा हुआ पाया।

लंदन में हाल ही में एक शर्मनाक वाकया हुआ है। एक युवती ने हिजाब पहन रखा था। उस युवती के साथ ट्रेन में लोगोंने बदतमीजी की। एश्ले पॉवेज ने बताया कि किस तरह वह लड़की उनकी दूसरी तरफ बैठी थी। उन्होंने कहा कि एक पुरुष पैसेंजर ने उस पर नस्ली हमले किये। उन्होंने कहा कि उस आदमी ने लड़की के पास जाकर बदतमीजी की। उसने लड़की को आतंकवादी और बदमाश कहा। उस आदमी ने कहा कि तुम्हारे लोगोंने पैरिस में अटैक किया है।

वह आदमी उस लड़की के बिल्कुल करीब था। लड़की भी पूरी तरह से डरी हुई थी। एक और मामले में एडिनबर्ग के एक स्कूल में एक मां को उसकी बेटी से अलग खींचा गया। उस मां ने बताया, ‘उन्होंने मेरी बेटी को मुस्लिम होने के कारण ‘एफ’ वर्ड से बेइज्जत किया।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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