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मदरसों पर टिप्पणी कर घिरी महिला पत्रकार, कट्टरवादी तत्वों के निशाने पर

facebookतिरुअनंतपुरम : एक फेसबुक पोस्ट ने मुस्लिम महिला पत्रकार को तमाम कट्टरवादी तत्वों के निशाने पर ला दिया है। पत्रकार ने फेसबुक पर की गई अपनी टिप्पणी में मदरसों में कथित तौर पर होने वाले लड़के और लड़कियों के यौन उत्पीड़न पर निशाना साधा था। 

जमात-ए-इस्लामी के मलयाली दैनिक मध्यमम में उप-संपादक के तौर पर काम करने वाली वीपी राजीना ने दो दिन पहले मदरसे में अपनी दो दशक पहले की जिंदगी का हवाला देते हुए लिखा था कि कैसे मदरसों में टीचर छात्रों का यौन उत्पीड़न करते थे। 

इससे पहले कोझीकोड में मुस्लिम प्रबंधकों द्वारा संचालिए किए जाने वाले एक स्कूल में लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव की शिकायत उठाने पर वह घिर चुकी हैं। पत्रकार ने अपने मदरसे के दिनों को याद करते हुए लिखा कि जब मैं पहली क्लास में पहली बार मदरसे गई तो वहां मौजूद अधेड़ शिक्षक ने पहले तो सभी लड़कों को खड़ा किया और बाद में उन्हें पैंट खोलकर बैठने को कहा। इसके बाद वह हर सीट पर गए और लड़कों के गुप्तांगों से छेड़छाड़ की। 

राजीना ने दावा किया, ‘उन्होंने यह काम आखिरी छात्र को छेड़ने के बाद ही बंद किया।’ चौथी क्लास के दिनों को याद करते हुए राजीना ने लिखा कि उस्ताद रात्रि कक्षाओं के दौरान लड़कियों का उत्पीड़न करते थे। राजनी ने आरोप लगाया कि कई बार जब नाइट क्लास के दौरान लाइट चली जाती थी तो 60 वर्ष के एक शिक्षक थे, जो लड़कियों की बेंचों के पास आ जाते थे और उन्हें छेड़ते थे।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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