आषाढ कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनामें उद्योगपतियोंका योगदान इस विषयपर २१ जूनको सम्पन्न चर्चासत्र !
हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनामें उद्योगपतियोंका योगदान इस विषयपर २१ जूनको चर्चासत्र सम्पन्न हुआ । इस चर्चासत्रका संक्षिप्त ब्यौरा उद्योगपती और नई देहलीके साधक श्री. संजीव कुमारने अधिवेशनमें प्रस्तुत किया । श्री. कुमारने कहा कि चर्चासत्रमें ऐसा निश्चित हुआ है कि, उद्योगपतियोंका अनेक लोगोंसे सम्पर्क रहता है । वे इस माध्यमसे धर्मप्रसार कर सकते हैं । साथ ही उनके पास आनेवाले ग्राहकों तथा कर्मचारियोंको साधना बताई जा सकती है । ऐसा भी कहा गया कि, उद्योगपतियोंने निर्धार किया है कि उनके व्यवसायके स्थानपर हिन्दू राष्ट्र स्थापनाके लिए दान लिखी हुई एक दानपेटी रखकर हिन्दू राष्ट्रकी निर्मितिके लिए अर्पण इकट्ठा करेंगे । साथ ही हिन्दुआेंकी एक समाचारवाहिनी होनेके लिए भी अर्पणराशि जमा करेंगे । उद्योगपतियोंने यह अनुभव किया है कि उद्योग, व्यवसायके स्थानपर धर्माचरण करनेसे और तिलक लगाकर जानेसे उसका लाभ सभी स्तरोंपर हो सकता है । किसी अधिकारी अथवा हितैषियोंको भेटवस्तुएं देते समय सनातन पंचांग भेंट देकर भी कुछ धर्माभिमानी उद्योगपतियोंने धर्मकार्यमें योगदान दिया है ।