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यदि हिन्दू व्यक्तिगत अंतर भूल कर संगठित हुए, तो ‘हिन्दू राष्ट्र’ शीघ्र आ जाएगा ! – श्री. गंगाधर कुलकर्णी, कर्नाटक राज्य संगठक, श्रीराम सेना

हुबली (कर्नाटक) में एक दिवसीय ‘प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन’ संपन्न !

व्यासपीठ पर बार्इं ओर से श्री. काशीनाथ प्रभु, श्री. गंगाधर कुलकर्णी, श्री समीराचार्य, श्री. प्रसाद हुंसवाडकर, श्री. व्यंकटरमण

हुबली (कर्नाटक) : हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा २९ नवंबर को कर्नाटक के हुबली में उत्तर कन्नड वैश्य समाज कल्याण सभागृह में एक दिवसीय प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन संपन्न हुआ।

इस अवसर पर श्रीराम सेना के कर्नाटक राज्यसंगठक श्री. गंगाधर कुलकर्णीद्वारा ऐसा प्रतिपादित किया गया कि, २००० वर्ष पूर्व संपूर्ण विश्व में केवल हिन्दू धर्म था; परंतु अब हिन्दुओंकी संख्या केवल १०० करोड शेष रह गई है। इसका कारण है धर्मशिक्षा एवं संगठन का अभाव !

इसलिए हम सभी यदि व्यक्तिगत अंतर भूल कर संगठित हुए, तो ‘हिन्दू ‘राष्ट्र शीघ्र ही स्थापित होगा। इस पार्श्वभूमि पर हिन्दू जनजागृति समिति हिन्दुओंको दिशादर्शन करने का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रही है।

इस अधिवेशन में अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंके नेता, अधिवक्ता एवं हितचिंतक, ऐसे कुल मिला कर ७० से अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।

इस अवसर पर कंठपल्ली के प्रवचनकार पंडित श्री समीराचार्य के शुभहाथों दीप प्रज्वलित कर इस अधिवेशन का आरंभ किया गया।

धर्मसंस्थापना के लिए परात्पर गुरु प.पू. डॉ. जयंत आठवले अवतीर्ण हुए हैं ! – श्री समीराचार्य

त्रेतायुग में दुष्ट शक्तियोंका दमन करने हेतु श्रीराम एवं द्वापर युग में कंस समान दुष्ट शक्तियोंका दमन करने हेतु श्रीकृष्ण को अवतार लेना पडा। अब कलियुग में धर्मसंस्थापना के लिए परात्पर गुरु प.पू. डॉ. जयंत आठवले अवतीर्ण हुए हैं।

हिन्दुओंको, मंदिरोंको शासन के नियंत्रण में जाने से बचाने चाहिए ! – श्री. बसवराज बुद्दिहाल, अध्यक्ष, उत्तर कर्नाटक, श्रीराम सेना

मंदिर सरकारीकरण के कारण हिन्दुओंको भक्तिभाव से मंदिरों में अर्पण किए दानपेटी का सोना-मुद्रा अल्पसंख्यक एवं अधार्मिक कार्य हेतु प्रयुक्त किया जा रहा है। इसलिए सभी हिन्दुओंको चाहिए कि, वे अपने मंदिरोंको सरकार के नियंत्रण में जाने से बचाएं।

हिन्दू जागरन वेदिका के श्री. प्रसाद हुंसवाडकर ने कहा कि, प्रत्येक को धर्माचरण कर अपने घर के बच्चोंको भी धर्माचरण सिखाना चाहिए तथा प्रत्येक हिन्दू के घर पर भगवा ध्वज फहराना चाहिए।

सनातन संस्था के श्री. काशीनाथ प्रभु ने कहा कि, साधना से अपने में आत्मबल जागृत होता है। अतः ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना का कार्य करने के साथ साथ साधना भी करनी चाहिए।

क्षणिकाएं

१. धर्माभिमानी श्री. अमोघ दलवाई एवं नागराजद्वारा धर्मशिक्षा के कारण उनमें हुए परिवर्तन के संदर्भ में बताया।

२. श्री. मुरुघप्पा शेट्टरद्वारा गोरक्षा हेतु हिन्दुओंको कौन से कार्यक्रम हाथ में लेने चाहिए, इस विषय में जानकारी दी गई।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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