बगदाद – इराक में इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण वाले शहर मोसुल में हरे रंग के फटेहाल सोफे पर बैठे आतंकी हंस रहे हैं। वे आपस में बकवास कर रहे हैं। इसी में से महीन काले कपड़े में लिपटे एक जिहादी ने कहा, ‘आज मार्केट में गुलाम महिलाओं से सेक्स का दिन है। इसके लिए आदेश दिया जा चुका है।’ अल्लाह की अनुमति से सभी के साथ साझा किया जाएगा।’ इस बात को लेकर सभी जिहादी आपस में वादा कर रहे हैं।
एक ने पूछा, ‘यजीदी लडकी कहां है ?’ ऐसा कहते हुए दाढ़ी से भरे उसके चेहरे पर हंसी पसर जाती है। यजीदी प्राचीन लोग हैं। ये इस्लामिक, जुरीइजम और ईसाइयत की मिश्रित मान्यताओं के साथ एक अनोखे धर्म के अनुयायी हैं। इनके रिवाज बेहद प्राचीन हैं। यहां तक कि ये सूर्य की पूजा करते हैं।
इनका विश्वास है कि ईश्वर एक है जिसने संसार बनाया है। इसका ख्याल रखने के लिए उसने एंजल मालक ताउस को छोड़ा। किंतु इस विश्वास की इस्लामिक स्टेट निंदा करता है। इस्लामिक स्टेट का कहना है कि यजीदी शैतान की पूजा करते हैं। इसलिए इनके अनुयायी की हत्या को जायज ठहराते हैं। ये इन्हें दास बनाते हैं और बलात्कार करते हैं। यजीदी के धर्मगुरु बाबा शेख ने सीएनएन से कहा, ‘ये हमारे घरों और परिवारों से बेटियों को उठा लाते हैं। ये सभी को उठा लाते हैं। हमलोग कहते हैं कि बच्चे ही हमारी अगली पीढ़ी हैं लेकिन ये सभी को लाते हैं। बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ते।’
इस्लामिक स्टेट के अध्यक्ष की पूर्व दास का कहना है, ‘वह नूर को मारता था। नूर को उन्होंने इराकी प्रांत सिंजर से खरीदा था। इस्लामिक स्टेट ने सिंजर प्रांत के एक गांव को लूटा था। इसी दौरान उसने नूर को नियंत्रण में लिया था। २२ साल की इस महिला ने बताया कि लड़ाकों ने उसके साथ बलात्कार किया। उसने मुझे एक चिट्ठी दिखाई और कहा, ‘इस्लामिक स्टेट के १० लड़ाके जब किसी दास के साथ बलात्कार करते हैं तो वह मुसलमान बन जाती है।’ वहां इस्लामिक स्टेट का झंडा था और अबु बकर अल बगदादी का चित्र था । उसके साथ पहले छेड़छाड़ की गई थी और बाद में ११ लोगों के साथ बलात्कार कराया गया था।’
इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण वाले क्षेत्र में यजीदी महिलाए खरीदी और पैसे के लिए बेची जा सकती हैं। यहां तक कि इन महिलाओं को भेंट के रूप में दिया जाता है। सामानों के लेन देन में भी यजीदी महिलाओं का ये उपयोग करते हैं। हालांकि यह कोई साधारण कमर्शल लेन देन नहीं है। इन्हें दास बनाकर बर्बरता से बलात्कार किया जाता है। इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने नूर से जो कहा था उसे सीएनएन ने बताया, ‘ यह अबु बकर अल बगदादी का नियम है और हमें इसका पालन करना अनिवार्य है। जो भी इस्लाम कबूल नहीं करता उसमें पुरुषों की हत्या कर दी जाती है और महिलाओं से जबरन शादी कर ली जाती है।’ इस्लामिक स्टेट की ऑनलाइन मुखपत्र दाबीक में कहा गया है यजीदी के साथ क्रूरता धार्मिक आधार पर की जाती है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स