हिन्दुओ, पोप द्वारा धर्मपरिवर्तन के खुले आवाहन के विषय में संसार भर के सहिष्णुवादी, ढोंगी धर्मनिरपेक्षतावादी क्या कहते हैं यह देखना होगा । जो स्वयं आतंकवाद से भयभीत हो रहे हैं, वे अन्य लोगों को क्या सांत्वना देंगे, यह सोचनेवाली बात है । – सम्पादक, हिन्दूजागृति
पोप ने सभी कैथलिक मिशनरियों को आदेश देते हुए कहा कि ज्यू धर्मियों को छोड कर अन्य धर्मियों को ईसाई बनाएं । पोप ने आगे कहा कि कैथोलिक चर्च, ज्यू लोगों के प्रति कोई द्वेष की भावना नहीं रखता । हम ज्यू धर्म को एक अलग धर्म मानते हैं । वे हमारे बडे भाई के समान हैं । दर्शकों को बता दें कि एक कथा के अनुसार ज्यू लोगों ने ईसामसीह को सूली (सूली पर अर्थात क्रास पर) पर चढाया था इसी कारण ईसाई और ज्यू में सैकडों वर्षों से शत्रुता है ।
इस समाचार के विषय में हिंदुत्ववादी संगठन हिंदवा केरलम के धर्माभिमानी श्री. जी.एस.के. मेनन ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस वक्तव्य से पोप ने यह मान्य किया है कि चर्च, अन्य धर्मियों का सर्वाधिक धर्मपरिवर्तन करता है । इस प्रकार के वक्तव्य से उन्होंने ज्यू धर्म को छोड अन्य धर्मियों के प्रति असहिष्णुता दिखाई है । मेनन ने यह भी शंका व्यक्त की, कि पोप को इसका भान है कि इस्लामिक आतंक से लडने के लिए ईसाई सक्षम नहीं हैं । आतंकवादियों से मात्र ज्यू धर्मीय ही लड सकते हैं यह इस्राईल के उदाहरण से सिद्ध हुआ है । इसलिए पोप इस्लाम के विरुद्ध ज्यू धर्मियों का उपयोग कर स्वयं को बचाने का प्रयास कर रहे हैं ।
स्त्रोत : एनपीअार