बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुआें पर अत्याचार बढते ही जा रहे हैं । कल हमें मिली जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश में दो अवयस्क (अवयस्क अर्थात १८ वर्ष से कम आयु की) हिन्दू युवतियों के अपहरण और बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन की घटनाएं सामने आई है ।
पहली घटना सुनमगंज जिले के इटौरी (सुनमगंज जिले के इटौरी) गांव की है । यहा १६ वर्षीय हिन्दू लडकी विद्यालय से वापस आ रही थी । तभी मोहम्मद अली, मोहम्मद हुसैन, मोहम्मद जुडू मियां और ओली मियां ने लडकी का अपहरण किया । पुलिस में परिवाद करने पर भी आरोपियों पर कोई कार्यवाही न होनेके कारण वे खुले घूम रहे हैं । आरोपियों द्वारा धमकाने पर लडकी के परिवार ने घर छोड दिया है और उन्हें बताया गया है कि उनकी बेटी का धर्मपरिवर्तन करवा दिया गया है ।
दूसरी घटना चिट्टागौंग जिले के अनवारा उपजिले की है । २० वर्षीय हिन्दू युवती मंदिर जा रही थी तब मोहम्मद निजाम और मोहम्मद मूसा ने उसका अपहरण कर लिया । युवती के पिता ने जब पुलिस थाने में परिवाद अर्थात तक्रार लिखवाने का प्रयास किया तो पुलिस ने कहा कि तुम्हारी बेटी को मुसलमान बना दिया गया है और उसकी शादी भी मुसलमान के साथ करवा दी गई है, इसलिए कोई रिर्पोट नहीं लिखी जाएगी, तुम घर वापस जाओ । हताश होकर पिता ने न्यायालय की सहायता ली परंतु पुलिस पर इसका कोई प्रभाव न पडा ।
इन दोनों प्रकरणों की जानकारी सभी कागदपत्रों के साथ हिन्दुत्त्वनिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र घोष जी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को भी दी है । परंतु अब तक कट्टरपंथी खुले घूम रहे हैं ।
हिन्दुआें के हित में सदैव तत्पर रहनेवाले अधिवक्ता रवींद्र घोष जी का हम अभिनंदन करते हैं । क्या भारत सरकार बांगलादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुआें की रक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी । – हिन्दूजागृति