आषाढ शुक्ल पक्ष द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११६
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हिन्दूओ, सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष ) भारतमें धर्मके नामपर सुविधाओंकी पूर्ति करनेवाले राजनेता स्वयंको सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष ) कहलवाते हैं, यह ध्यानमें रखें !
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क्या हिन्दूओंके मंदिरों, मठों अथवा आश्रमोंको त्यौहारोंके दिनमें कोई सरकार अन्न वस्तुएं देती है ?
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हिन्दूओ, धर्मांधोंकी चापलूसी करने हेतु तथाकथित सेक्युलरिजम (धर्मनिरपेक्षतावादी ) सत्ताका उपयोग करते हुए निर्णय लेते हैं; परंतु तथाकथित हिन्दूनिष्ठ भाजपा हिन्दूओंके लिए एक भी निर्णय नहीं लेती, यह ध्यानमें रखें !
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यदि मोदी सरकारने गलतिसे हिन्दूओंको ऐसी सुविधाएं दी होती, तो देशके एकजात तथाकथित (सेक्युलरिजम) धर्मनिरपेक्षता- वादियोंने देशमें कोलाहल मचाया होता !
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क्या धर्मांधोंको ज्ञात नहीं है कि स्वकष्टके धनसे अपना धार्मिक त्यौहार संपन्न नहीं किया गया, तो वह निष्फल होता है ?
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चेन्नई : तामिलनाडुकी मुख्यमंत्री जयललिताने रमजानकी कालावधिमें मस्जिदोंको ४ सहस्र ५०० टन चांवल निशुल्क देनेकी घोषणा की है ।
इससे पूर्व २००१ में उनके ही मुख्यमंत्रीपदकी कालावधिमें इस संदर्भमें आदेश दिया गया था । जयललिताने कहा कि धर्मांध प्रतिनिधियोंद्वारा इससे पूर्व भी चांवलकी पूर्ति करनेकी मांग की गई थी । इसलिए रोजे छोडते समय निशुल्क चांवलका वितरण करनेका आदेश दिया गया । राज्यके तीन सहस्र मस्जिदोंको इसका लाभ होगा । पिछले वर्ष चार सहस्र टन चांवलकी पूर्ति की गई थी ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात