आषाढ शुक्ल पक्ष ७, कलियुग वर्ष ५११६
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नई देहली : इराक के विद्रोही गुट आईएसआईएस की ओर से वहां चल रही लड़ाई में कई भारतीय भी लड़ रहे हैं। गुट के सरगना अबू बकर अल बगदादी के एक ऑडियो से यह बात पता चली है। यह खबर अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने दी है।
अखबार के मुताबिक बगदादी ने अपना पहला ऑडियो जारी किया है जिससे पता चलता है कि भारतीय भी उसकी ओर से वहां लड़ रहे हैं। २० सेकेंड के इस ऑडियो में बगदादी ने अपने संगठन की ओर से लड़ रहे लड़ाकों की गिनती भी की है। रमजान के अवसर पर जारी इस ऑडियो को सुनने से पता चलता है कि उसकी फौज में भारतीय भी शामिल हैं। उनके अलावा चीनी, अमेरिकी, फ्रेंच, जर्मन, ऑस्ट्रेलियन वगैरह भी उसकी ओर से लड़ रहे हैं।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक २२ जनवरी को तमिलनाडु में पैदा हुआ एक भारतीय सीरिया को रवाना हुआ। बताया जाता है कि उसका इरादा वहां इस्लामी कट्टरपंथियों के साथ लड़ना है। बताया जाता है कि उसने २०१३ में सीरिया में दो चेचन जेहादियों को ट्रेनिंग भी दी थी। इसके अलावा उसने तमिलनाडु के दो युवकों को भी सीरिया में लड़ने के लिए उकसाया था।
समझा जाता है कि बगदादी के पास लगभग १०,००० लड़ाके हैं जो अन्य देशों के हैं। इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि कुछ भारतीय सीरिया में लड़ रहे हैं। इंडियन मुजाहिदीन का एक धड़ा अफगानिस्तान में तालिबानियों की ओर से लड़ रहा है। बताया जाता है कि ज्यादातर विदेशी लड़ाके आत्मघाती हमलावर बन जाते हैं। इराक में जितने आत्मघाती हमले हुए हैं उन सबमें आत्मघाती हमलावरों का हाथ रहा। वे अपने शरीर पर बम बांधकर भीड़ में चले जाते हैं और खुद को उड़ा देते हैं। आईएसआईएस विदेशी लड़ाकों को यही भूमिका देता है।
बगदादी ने अपने ऑडियो में यह भी कहा है कि भारत, पाकिस्तान, म्यांमार जैसे देशों में मुसलमानों के हक छीन लिए गए हैं। बगदादी ने अपने समर्थकों से यह भी कहा कि उसके इस्लामी देश में अन्य मुल्कों को मिलाने की कवायद की जाए। उसने अपने ऑडियो में मुसलमानों पर अत्याचार की बातें भी कही हैं।
स्त्रोत : आजतक