आषाढ शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
एक छोटी घटनाकी जांच १-२ सप्ताहमें ही पूर्ण कर परिणाम घोषित करना अपेक्षित है; परंतु एक वर्ष होनेको आया, फिर भी अभीतक सुनवाई प्रारम्भ न करवा सकनेवाला न्यायतंत्र अब परिवर्तित होना चाहिए !
नई देहली : सर्वोच्च न्यायालयद्वारा बलात्कारके कथित प्रकरणमें बंदी बनाए गए पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापूजीका प्रतिभूति आवेदनपत्र आज अस्वीकार कर दिया गया ।
सर्वोच्च न्यायालयने स्पष्ट किया है कि इस प्रकरणमें आसाराम बापूजी गुजरात उच्च न्यायालयमें न्याय मांगें । यद्यपि सर्वोच्च न्यायालयने गुजरातके प्रकरणका प्रतिभूति आवेदन अस्वीकार किया है, तथापि राजस्थानके कथित बलात्कार प्रकरणकी सुनवाई सर्वोच्च न्यायालयमें करनेकी अनुमति प्रदान की गई है ।
इस संदर्भमें न्यायालयद्वारा राज्य शासनको नोटिस भी भेजा गया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात