आषाढ शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
तंग वस्त्रोंके विषयमें गोवाके निर्माणकार्य मंत्री श्री. सुदिन ढवळीकरके वक्तव्यका प्रकरण !
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पणजी (गोवा) : महिलाओंकी सुरक्षा तथा संस्कृतिकी रक्षाके लिए पबकी कुसंस्कृति एवं तंग वस्त्रोंकी वेशभूषापर प्रतिबंध होने चाहिए, ऐसा मत सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री श्री. सुदिन ढवळीकरने व्यक्त किया था । इस मतके विषयमें मुख्यमंत्री पर्रीकरको पत्रकारोंद्वारा पूछे गए प्रश्नके उत्तरमें उन्होंने कहा, ‘श्री. सुदिन ढवळीकरने अपना व्यक्तिगत मत व्यक्त किया है । इस विषयमें मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता । राज्यके १७ प्रसारमाध्यमोंने अलग-अलग पद्धतिसे यह मत प्रस्तुत किया है । इसलिए श्री. ढवळीकरने स्पष्टरूपसे क्या कहा है, यह मुझे ज्ञात नहीं है । श्री. ढवळीकरने मुझे जो कहा है, उसमें कुछ आपत्तिजनक नहीं था । मैं उनके मतसे सहमत हूं ।’
मुख्यमंत्रीने आगे कहा कि मद्य हानिकारक है, इसका भान सभी लोगोंको है; परंतु पब, मद्यालय आदि स्थानोंपर मद्यप्राशनके लिए सरकार प्रतिबंध नहीं लगा सकती । वर्तमानमें गोवामें जो चल रहा है, उसके अनुसार पब, मद्यालय आदि स्थानोंपर मद्य पीने हेतु कोई प्रतिबंध नहीं होगा; परंतु यदि कोई व्यक्ति समुद्रतट अथवा सार्वजनिक स्थानपर मद्यप्राशन करता है, तो उसपर कठोर कार्यवाही की जाएगी । कोई व्यक्ति कैसे वस्त्र पहनें, यह उसका व्यक्तिगत प्रश्न है । इसमें सरकारके हस्तक्षेपका प्रश्न ही नहीं उठता । इस विषयमें प्रसारमाध्यमोंको चर्चा करनेकी आवश्यकता नहीं है । मैं इतना ही बताना चाहता हूं कि राज्यमें वर्तमान समयमें सब अच्छा चल रहा है । कोई नई नीति लागू करनेकी आवश्यकता नहीं है ।
केवल सनसनी उत्पन्न करने हेतु झूठे समाचार प्रसारित करनेवाले प्रसारमाध्यमोंको मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकरने फटकारा !
केवल सनसनी उत्पन्न करने हेतु घटना अथवा वक्तव्यको तोड मरोडकर अनुचित समाचार देनेवाले प्रसारमाध्यमोंको मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकरने फटकारा । इस अवसरपर मुख्यमंत्री पर्रीकरने कहा कि प्रसारमाध्यमोंको ऐसा क्यों नहीं लगता कि जिसप्रकार नरेंद्र मोदीकी आलोचना करनेवाले देऊ चोडनकरको व्यक्ति स्वतंत्रता है, उसीप्रकार प्रमोद मुतालिक एवं श्री. सुदिन ढवळीकरको भी बोलनेकी स्वतंत्रता है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात