आषाढ शुक्ल पक्ष दशमी/एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
. इस धर्मांतरणके विरोधमें बलशाली हिन्दूनिष्ठ संगठन क्या कृत्य कर सकते हैं ?
. यदि कारागृहमें धर्मांतरणके प्रकरण होते हैं, तो कारागृहके अधिकारियों तथा पुलिस कर्मियोंको निलंबित कर कारागृहमें उन्हें ही बंदी बनाना चाहिए !
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बेलगांव (कर्नाटक) : यहांके हिंडलगा मध्यवर्ती कारागृहमें हाल ही में एक हिन्दू बंदीको मुसलमान बनाकर धर्मांतरित करनेका समाचार प्राप्त हुआ है । अनेक वर्ष कारागृहमें बंदी रहे इस बंदीको जमानतपर मुक्त करनेका प्रलोभन दिखाकर यह धर्मांतरण किया गया है । (कारागृहमें भी धर्मांतरणका प्रयास करनेवाले धर्मांधोंको कारागृहके अधिकारी तथा पुलिसकी सहायताके बिना यह कृत्य करना असंभव है । ऐसे हिन्दूद्रोही पुलिस कर्मी जहां होंगे, वहां इस प्रकारके कुकृत्योंपर प्रतिबंध लगानेके लिए हिन्दू संगठनका होना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. नकली नोट तथा अवैध शस्त्रास्त्रोंकी तस्करीके अपराधके लिए कारागृहमें बंदी बनाए गए हुबलीके विश्वनाथ करडीगुड्ड नामक इस बंदीका धर्मांतरण कर उसका नाम रेहमान खान रखा गया है । धर्मांतरणकी विधि भी कारागृहमें ही की गई ।
२. कुप्रसिद्ध गुंडा छोटा शकीलका दलाल रशीद मलबारीके विश्वासी सहकाराद्वारा बंदीको धर्मांतरित करनेका प्रयास किया गया है । हवलदार रफीकके नेत्तृत्वमें ऐसे प्रकरण बढ गए हैं । इसकी पूर्व सूचना होते हुए भी वरिष्ठ अधिकारी चुप हैं । (ऐसे पुलिस अधिकारियोंपर कर्नाटकका कांग्रेस शासन कुछ भी कार्रवाई नहीं करेगा; किन्तु तीव्र हिन्दूनिष्ठ श्री. नरेंद्र मोदीका शासन संबंधित व्यक्तियोंपर क्या कुछ कार्रवाई करेगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) किंतु ऐसा बताया जा रहा है कि कारागृह प्रशासनद्वारा धर्मांतरणके प्रकरण नहीं हो रहे हैं ।
३. जनपद पुलिस प्रमुखोंके निदर्शनमें यह प्रकरण आनेके पश्चात उन्होंनेकारागृह अधीक्षकोंको इस संदर्भमें सविस्तार ब्यौरा देनेकी सूचना दी है ।
(संदर्भ – दैनिक तरुण भारत, बेलगांव)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात