‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष को धर्मांध पुलिसद्वारा मारपीट !
• हिन्दू महिला पर बलात्कार, लडकी के गुप्तांग में लकडीयां घुसार्इं !
• वर्ष २००७ से निरंतर अत्याचार !
• पुलिसद्वारा घटना पर ध्यान देने से नकार !
• सुरक्षा हेतु पीडित मां एवं लडकी का आक्रोश !
क्या, असहिष्णुता का दिखावा करते हुए पुरस्कार लौटानेवालोंको हिन्दुओंपर होनेवाले ये अत्याचार दिखाई नहीं देते ?
ढाका : बांग्लादेश में सत्ताधारी पक्ष के धर्मांधोंद्वारा बरीसाल जिले के बकेरगंज क्षेत्र में २९ दिसंबर को एक हिन्दू परिवार पर आक्रमण कर घर की महिला पर बलात्कार किया गया। इसके अतिरिक्त इन नराधमोंने घर की एक लडकी के गुप्तांग में लकडीयां घुसार्इं। इस विषय में पीडित महिलाद्वारा बकेरगंज पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट करने पर धर्मांध पुलिस ने इस घटना को पूरी तरह दुर्लक्षित किया।
सईफूल खान, महम्मद अराफत इस्लाम एवं उनके सहयोगियोंने यह अत्याचार किया है एवं वे बांग्लादेश के ‘अवामी लीग’ सत्ताधारी पक्ष के कार्यकर्ता हैं।
तदुपरांत इस महिला ने ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच (बांग्लादेश के अल्पसंख्य हिन्दुओंपर होनेवाले अन्यायोंको उजागर करनेवाला संगठन) संगठन से वैधानिक सहायता हेतु संपर्क किया। इस विषय में जानकारी देते हुए पीडिता ने कहा कि, मेरे पति के मरने के उपरांत इन जिहादी मुसलमानोंद्वारा वर्ष २००७ से हमारे परिवार को प्रताडित किया जा रहा है !
मुझ पर एवं मेरी लडकी पर बार-बार लैंगिक अत्याचार तथा बलात्कार किए जा रहे हैं एवं शारीरिक यातनाएं भी दी जा रही हैं। इस विषय में वर्ष २००७ से हमने पुलिस में अनेक बार परिवाद प्रविष्ट किए; परंतु पुलिस उसकी साधारण प्रविष्टि करने के लिए भी सिद्ध नहीं हैं !
जिहादीयोंद्वारा हमारी भूमि भी हथियाई ली गई एवं हमारा धार्मिक स्थान भी उद्ध्वस्त किया गया है !
धर्मांध पुलिसद्वारा अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष को मारपीट एवं पुलिस हिरासत में रखने का प्रयास !
इस पर ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष के नेतृत्व में एक दलद्वारा बकेरगंज पुलिस थाने में जाकर पीडित हिन्दू परिवार को उद्ध्वस्त करनेवाले जिहादी मुसलमानोंके विरोध में कार्रवाई करने की मांग की गई; परंतु पुलिसद्वारा उनको भी निरर्थक उत्तर देकर धमकाने का प्रयास किया गया। इतना ही नहीं, अपितु पुलिस थाने में आकर हमसे पूछे बिना ही हमारे छायाचित्र क्यों रेखांकित करते हो, ऐसा कोलाहल करते हुए अधिवक्ता श्री. घोष को मारपीट कर हिरासत में लेने का प्रयास भी किया गया। तत्पश्चात श्री. घोष ने पुलिस महानिरीक्षक एवं गृहमंत्री से संपर्क करने का प्रयास किया; परंतु संपर्क नहीं हो सका। इस प्रकरण में ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ अगली जांच कर रहा है।
• पाकिस्तान के गायक को भारतीय नागरिकता देनेवाला शासन, बांग्ला देश में हिन्दुओंपर होनेवाले असीम छल के प्रति क्यों उदासीन है ?
• हिन्दुओ, बांग्लादेश में रहनेवाले आपके बंधुओंकी रक्षा करने हेतु शासन को विवश करें !
• कहां एक दादरी कांड होने पर उसके विरोध में संघटित होनेवाले सर्वत्र के मुसलमान, तो कहां पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में धर्मांध हिन्दुओंको ढूंढ-ढूंढ कर उनकी हत्या किए जाते समय उसके विरोध में कुछ भी न बोलनेवाले धर्माभिमानशून्य हिन्दू !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात