आषाढ शुक्ल पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
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नई दिल्ली : मुंबई हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने नए लड़ाकों के लिए एक खास 'कसाब क्लास' लगाई थी। इस क्लास में ताजा भर्ती किए गए आतंकियों को कसाब मामले के सहारे मिशन की बारीकियां सिखाई गई और बताया गया है कि वे कैसे उन गलतियों से बच सकते हैं जो मुंबई हमले के दौरान अजमल आमिर कसाब ने की थीं। गौरतलब है २००८ में मुंबई हमले के दौरान कसाब पकड़ा गया था और २०१३ में उसे फांसी दे दी गई थी। यह खुलासा पिछले महीने कश्मीर से गिरफ्तार किए गए लश्कर-ए- तैयबा के आतंकी मोहम्मद नवीद जट्ट उर्फ अबू हनजला ने भारतीय एजेंसी द्वारा की गई पूछताछ के दौरान किया। जट्ट दक्षिण कश्मीर में कई पुलिसवालों की हत्या का आरोपी है।
कसाब की किन गलतियों से लड़ाकों को पढ़ा रहा है लश्कर-ए-तैयबा?
जट्ट का कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा के कमांडरों ने नए भर्ती हुए आतंकियों को २००९ में मसकर कैंप में 'धार्मिक ट्रेनिंग' के दौरान एक वीडियो प्रेजेंटेशन दिया था, जिसमें ग्राफिक्स के जरिए कसाब की गलतियों के बारे में बताया गया था।
इन गलतियां को बताया
– कसाब और उसके साथियों द्वारा मुंबई पहुंचने के बाद मुंबई तट पर नाव को नष्ट न करना
– सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल करने,
– बातचीत में असली नाम का इस्तेमाल करने
– किसी को बंधक बनाने में नाकामयाब रहने
कसाब से भी मिला था जट्ट
जट्ट लश्कर-ए-तैयबा का ऐसा पहला आतंकी है जिसने यह बताया कि वह मुंबई अजमल कसाब से मिला था। उसने बताया कि वह पाकिस्तान में पंजाब प्रांत में स्थित मुल्तान के बोरिवाला साहीवाला में लश्कर के कैंप में शामिल रहा है। मुंबई हमले से पहले यहीं पर उसकी मुलाकात कसाब से हुई थी। जट्ट ने बताया कि कसाब के पिता भी उसके मदरसे में कर्मचारी थे।
हाफिज सईद के मदरसे में पढ़ा है जट्ट
अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए जट्ट ने बताया कि वह पाकिस्तान के मुल्तान का रहने वाला है। उसके पिता पाकिस्तानी फौज में ड्राइवर थे और वह रिटायर्ड हो चुके हैं। जट्ट ने बताया कि वह और उसका भाई जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज सईद द्वारा चलाए जा रहे मदरसे में पढ़े-लिखे हैं।
स्त्रोत : भास्कर