श्रावण कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११६
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मैनचेस्टर : आइएसआइएस की दीवानगी किस कदर दुनिया भर के मुस्लिम युवाओं को आकर्षित कर रही है, इसका एक और उदाहरण सामने आया है। मैनचेस्टर में अपने परिवार के साथ रह रही 16 वर्षीय जुड़वां बहनें सीरिया में आतंकी गुट का हिस्सा बनने के लिए आधी रात को घर से भाग गई। कुछ दिन पहले भी कुछ ब्रिटिश युवाओं के आइएसआइएस में शामिल होने की खबरें आई थीं।
खबर के अनुसार, सुबह दोनों बहनों को बिस्तर पर न पाकर अभिभावकों ने पुलिस से संपर्क किया। पड़ताल के बाद पता चला कि दोनों बहनों ने मैनचेस्टर एयरपोर्ट से इस्तांबुल के लिए उड़ान भर ली। बाद में बहनों ने सीरिया पहुंचकर अपने परिवार वालों से संपर्क भी किया और कहा कि वे वापस नहीं आएंगी। बताया जाता है कि उनका भाई आइएसआइएस का लड़ाका है। सोमालियाई मूल का यह परिवार १० साल पहले ब्रिटेन में आकर बसा था। आतंक निरोधी बल दोनों बहनों की सुरक्षित वापसी का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस इस बात की पड़ताल भी कर रही है कि आखिर हवाई सफर के लिए इन दोनों के पास पैसे कहां से आए।
आइएसआइएस दुनिया भर में मुस्लिम युवाओं को अपने साथ जोड़ने के प्रयास में है। इसके लिए आतंकियों ने फेसबुक, ट्विटर और ऐसी ही अन्य सोशल साइटों को अपना माध्यम बनाया है। आतंकी इन अत्याधुनिक और तीव्र माध्यमों के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में बीते शुक्रवार को गुट की ओर से मुस्लिम समुदाय का खलीफा घोषित किए गए अबु बकर अल-बगदादी का एक वीडियो भी इंटरनेट पर डाला गया, जिसमें उसे एक मस्जिद से लोगों को संबोधित करते हुए दिखाया गया। इसमें उसने दुनिया के मुस्लिमों को अपना आदेश मानने के लिए कहा।
ब्रिटिश नागरिकों की ओर से
आइएसआइएस के गुट में शामिल होने की घटनाओं को देखते हुए ही मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने लोगों से आतंकी गुट में शामिल होने वाले पारिवारिक सदस्यों की जानकारी देने की अपील की है। आतंकी गुट का हिस्सा बने एक ब्रिटिश नागरिक अबु ओसुमा का कहना है कि वह ब्रिटेन में तभी वापसी करेगा, जब बकिंघम पैलेस पर इस्लाम का काला झंडा लहराने लगेगा।
स्त्रोत : जागरण