वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि, पठानकोट वायुदल केंद्र पर आक्रमण के पीछे पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है ।
पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य रहे ब्रुश रिडेल ने कहा कि, यह आक्रमण भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में किसी भी नरमी को रोकने के लिए किया गया । रिडेल १९९९ में कारगिल युद्ध के बाद बिल क्लिंटन और पाक के पंतप्रधान नवाज शरीफ के बीच हुई बातचीत में भी सहभागी थे ।
डेली बिस्ट इस जालस्थल के लिए लिखे एक लेख में रिडेल ने कहा कि, पठानकोट और उत्तरी अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने आक्रमण करवाया, जिसे आईएसआई ने १५ वर्ष पहले तैयार किया था ।
उन्होंने आगे कहा कि, आईएसआई सेना के जनरलों के अधीन है और इसमें सैन्य अधिकारी नियुक्त होते हैं । इस तरह आईएसआई का नियंत्रण पाकिस्तानी सेना के हाथ में है और पाकिस्तानी सेना का प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भरोसा नहीं है । शरीफ १९९० के दशक से ही भारत के साथ नरम रिश्ते की वकालत करते रहे हैं । क्रिसमस के दिन लाहौर में पंतप्रधान मोदी के शरीफ की ओर से किए गए स्वागत से सेना प्रमुख अप्रसन्न हैं ।
संदर्भ : अमर उजाला