श्रावण कृष्ण पक्ष द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११६
नरेंद्र मोदी नेता हैं ! भगवान नहीं हैं !!
हिन्दुओ, आपके आस्थास्थानोंपर होनेवाले आघातोंके विरुद्ध वैधानिक मार्गसे निषेध प्रविष्ट करें !
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मुंबई : व्यंगचित्रकार नीलेशद्वारा दैनिक लोकसत्ताके ११ जुलाईके अंकमें पृष्ठ १ पर अर्थसंकल्पका समाचार देते हुए श्री. नरेंद्र मोदीको करोडों हिन्दुओंके आस्थास्थान श्री विठ्ठलके रूपमें दर्शाकर भगवान श्री विठ्ठलका अनादर किया गया है ।
विठ्ठलके रूपमें मोदीके कंधेपर दो कमल, गलेमें एवं हाथमें भी कमल बांधा हुआ दर्शाया गया है । उसीप्रकार लोकसत्ताके इस अंकमें अर्थसंकल्पकी व्यवस्थाओंके संदर्भमें संत तुकाराम महाराजके अभंगोंका उपयोग किया गया है तथा अर्थमंत्री अरुण जेटलीको केवल एक माध्यमके रूपमें दर्शाकर मोदीको गोविंदकी (श्रीकृष्ण) उपमा देनेवाली पंक्तीयां उनके छायाचित्रके नीचे दी गई हैं । इसलिए धर्माभिमानी हिन्दुओंकी धर्मभावनाएं आहत हुई हैं ।
धर्माभिमानी हिन्दू आगे दिए पतेपर निषेध प्रविष्ट कर रहे हैं ।
दैनिक लोकसत्ता, मुंबई
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(नरेंद्र मोदी इत्यादि राजनेताओं अथवा किसी भी मनुष्यको देवी-देवताओंके स्वरूपमें दर्शाना अनुचित है । नरेंद्र मोदी नेता हैं । भगवान नहीं हैं । इसलिए उन्हें देवी-देवताओंके रूपमें दर्शाना पाप ही है । वर्तमान समाचारपत्र एवं संपादकोंको भी इस विषयमें ज्ञान नहीं है । इसलिए समाज भ्रमित हो रहा है । )
इससे स्पष्ट होता है कि हिन्दुओंको धर्मशिक्षाकी कितनी आवश्यकता है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात