श्रावण कृष्ण पक्ष द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११६
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विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक आचार्य गिरिराज किशोर को आज भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए विदाई दी गई। विहिप के दक्षिणी दिल्ली स्थित मुख्यालय में कल रात्रि से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। आज दोपहर २.३० बजे उनके पार्थिव शरीर को दधीचि देह दान समिति के एडवोकेट श्री आलोक कुमार अग्रवाल के माध्यम से आर्मी मेडिकल काॅलेज, दिल्ली को दान कर दिया गया। उनके संकल्पानुसार कल रात्रि को ही उनके नेत्रों को भी दान किया गया। ९५ वर्षीय श्री आचार्य जीवनभर देश, धर्म और राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहे।
श्रद्धांजलि देने वालों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैया जी जोशी, सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी जी व श्री दत्तात्रेय होसबोले, श्री इन्द्रेश कुमार, विहिप के श्री अशोक जी सिंहल, डाॅ. प्रवीणभाई तोगडि़या, श्री चम्पतराय व श्री ओमप्रकाश जी सिंहल, केन्द्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्रीमती सुषमा स्वराज, श्री नितिन गडकरी, डाॅ. हर्षवर्धन, श्री अनन्त कुमार व श्री मनसुखभाई वसवा, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी, डाॅ. मुरलीमनोहर जोशी, श्री रामलाल, पूज्य म. म. स्वामी अनुभूतानन्द, दीदी माँ ऋतम्भरा, महंत नवलकिशोर दास, महंत सुरेन्द्रनाथ अवधूत, आचार्य धर्मेन्द्र व नेपाल से पधारे पूज्य बालसन्त महेशशरण देवाचार्य जी के अलावा देशभर के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक व सांस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे।
४ फरवरी, १९२० को उत्तर प्रदेश के एटा जिला अन्तर्गत मिसौली गांव में जन्में आचार्य गिरिराज किशोर ने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में समर्पित कर दिया। वे आपातकाल के दौरान १३ महीने जेल में रहे। विहिप में आने से पूर्व उन्होंने भारतीय जनसंघ व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अनेक संगठनों का मार्गदर्शन किया। दो दर्जन से अधिक देशों की यात्रा करने वाले आचार्य जी ने श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन सहित विहिप के अनेक आन्दोलनों के सूत्रधार रहे। कल १३ जुलाई, २०१४ को रात्रि ९.१५ बजे विहिप मुख्यालय में उन्होंने अन्तिम श्वांस ली।
स्त्रोत : प्रेसनोट, विहिंप