श्रावण कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दुओंपर होनेवाले आघातोंको सक्रिय उत्तर देनेवाले छत्तीसगढवासियोंका अभिनंदन !
बस्तर (छत्तीसगढ ) – हिन्दुओंका धर्मपरिवर्तन एवं देवी-देवताओंकी निंदा करनेके कारण बस्तर जिलेके ५० गांवोंमें ईसाई मिशनरियोंके प्रवेशपर प्रतिबंध लगाया गया है । इस विषयमें सभी ग्रामपंचायतोंमें वैधानिक रूपसे प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें राशनका अनाज भी न देनेके निर्णयका समाविष्ट है । इस कार्यवाहीके लिए विशेष ग्रामसभा आमंत्रित कर उपर्युक्त प्रस्ताव पारित किए गए ।
इस प्रतिबंधका आरम्भ एक घटनासे हुआ । सिरीसगुडा गांवमें आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रममें एक धर्मांतरित परिवारने चंदा देनेसे मना किया एवं देवी-देवताओंके विषयमें अपशब्द कहे । इस समय सभी गांववासियोंने ईसाई मिशनरियोंके गांवके प्रवेशपर प्रतिबंध लगानेका निर्णय लिया । ये लोग अन्य ५० गावोंमें भी फैल गए हैं । गांवबंदीके साथ इन मिशनरियोंको राशनकी दुकानसे अनाज वितरित न करनेका भी निर्णय लिया गया है । इस निर्णयसे ईसाई मिशनरी आक्रोशित हो गए हैं एवं उन्होंने गांवबंदीको असंवैधानिक बताकर हंगामा प्रारम्भ किया है कि संविधानमें प्रत्येकको धर्मका स्वीकार करनेका अधिकार दिया गया है । परंतु छत्तीसगढमें पंचायत राज कानूनकी धारा १२९ (जी) के अनुसार ग्रामपंचायतोंको इस प्रकारका अधिकार दिया गया है । अतः इस प्रवेशबंदीको कानूनका स्वरूप प्राप्त हो गया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात