समापनमें संतोंकी वंदनीय उपस्थिति !
श्रावण कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
![]() बार्इं ओरसे प.पू. नाना काळेगुरुजी, पू.(श्रीमती) अंजली गाडगीळ, श्रीमती वैजयंती काळे, पू. दादाश्री जाधव एवं पू. शरदचंद्र जोशी |
बार्शी (जिला सोलापुर) – भारतके सर्वांगीण उत्कर्षके लिए यहांके योगिराज वेदविज्ञान आश्रमद्वारा अप्रैल २०१३ से चल रहे सग्निचित् अश्वमेध महासोमयागका १५ जुलाईको संतोंकी वंदनीय उपास्थितिमें चैतन्यमय वातावरणमें समापन हुआ । अश्वमेधयाजी प.पू. नाना काळेगुरुजीके मार्गदर्शनमें १६ माहतक चलनेवाले इस अश्वमेध महासोमयागके समापन समारोहमें आनंद, गुजरातके ओंकार साधना आश्रमके पू. श्री माधवतीर्थ स्वामीजी महाराज; नवाली, दहिसरके देवात्मशक्ति आश्रमके पू. चेतनविलास तीर्थस्वामी; शक्तिपाताचार्य पू. शरदचंद्र जोशी महाराज; अग्निहोत्रके प्रसारक पू. दादाश्री जाधव तथा सनातनकी पू. (श्रीमती) अंजली गाडगीळ उपस्थित थीं ।
![]() बार्इं ओरसे बोलते हुए पू.(श्रीमती) अंजली गाडगीळ, श्रीमती वैजयंती काळे, पू. दादाश्री जाधव, पू. चेतनविलासतीर्थ स्वामी, पू. शरदचंद्र जोशी एवं प.पू. नाना काळेगुरुजी |
![]() प.पू. नाना काळेगुरुजी एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती वैजयंती काळेका सम्मान करते हुए उनके शिष्य ! |
१. पू. श्री माधवतीर्थ स्वामी महाराज आनंद गुजरातके ओंकार साधना आश्रमके विष्णुतीर्थ स्वामीके उत्तराधिकारी हैं तथा वे शक्तिपात दीक्षाका प्रचार करते हैं । पू. श्री माधवतीर्थ स्वामीजी महाराजका पूजन सोमयाजी श्री. योगेश काळेगुरुजीद्वारा सपत्नीक किया गया ।
२. पू. चेतनविलासतीर्थ स्वामी नवाली दहिसरके देवात्मशक्ति आश्रमके श्री श्री श्री शिवओमतीर्थ स्वामीके शिष्य हैं । पू. चेतनविलासतीर्थ स्वामी शक्तिपातका प्रचार-प्रसार करते हैं ।
उनका श्रीरामचरित मानसपर प्रभुत्व है । उनका पूजन सांगोलाके प्रथितयश चार्टर्ड एकाऊंटेन्ट (लेखा परीक्षक) श्री. किसनराव मालीने सपत्नीक किया ।
३. पुणेके योगिराज गुलवणी महाराज आश्रमके शाक्तिपाताचार्य पू. शरदचंद्र जोशीजीका पूजन अंबेजोगाईके निर्माणकार्य व्यावसायिक श्री. बालासाहेब केंद्रेद्वारा सपत्नीक किया गया ।
४. अग्निहोत्रके प्रचारक पू. दादाश्री जाधवका पूजन बार्शीके श्री. सुनील अग्रवालद्वारा सपत्नीक किया गया ।
५. सनातनकी पू. (श्रीमती) अंजली गाडगीळका पूजन बार्शीके श्री. विनय संघवीद्वारा उनके भाग्यनगरके पुरोहित श्री. प्रवीण देशपांडेने सपत्नीक किया ।
संतोंका आशीर्वचन !
१. पू. श्री माधवतीर्थ स्वामी महाराज : यज्ञस्थलपर आनेके पश्चात कुछ मांगनेकी आवश्यकता नहीं रहती । केवल उपस्थित रहनेसे भी भगवानके आशीर्वाद मिलते हैं ।
२. पू. चेतनविलासतीर्थ स्वामी : हिन्दू संस्कृति चार वेदोंपर आधारित है । यज्ञसंस्था टिकनेसे ही हिन्दू संस्कृति टिकेगी । अतः यज्ञसंस्थाको टिकाए रखें ।
३. शक्तिपाताचार्य पू. शरदचंद्र जोशी महाराज : प.पू. डॉ. आठवले एवं प.पू. नाना काळेगुरुजीने उदात्त हेतुसे किया अश्वमेध महासोमयागका संकल्प पूर्णत्वको जाने हेतु भगवानके चरणोंमें प्रार्थना !
४. पू. दादाश्री जाधव : ऋषिमुनियोंद्वारा पूरे विश्वको आर्य (सुसंस्कृत) बनानेका संकल्प लेकर सभी संतों एवं हिन्दू समाजको धर्मजागृतिका कार्य करना चाहिए ।
५. पू. (सौ.) अंजली गाडगील : हिन्दू समाज एवं मंदिरोंकी दुरावस्थाके लिए हिन्दू ही उत्तरदायी हैं ।
हिन्दू समाज धर्माचरणसे दूर चला गया है । इसलिए समाजको अनेक छोटी छोटी बातोंमें धर्माचरण कर ईश्वरकी कृपा प्राप्त करनी चाहिए । समारोहमें शांतिपाठका पठन किया गया तथा पसायदानसे समारोहका समापन किया गया । समारोहका सूत्रसंचालन सनातनके साधक श्री. विक्रम घोडकेद्वारा किया गया एवं श्री स्वामी समर्थ कला उपासक मंडल, बार्शीने पारिप्लव आख्यान प्रस्तुत किया ।
अश्वमेधयाजी प.पू. नाना काळेगुरुजीका सम्मान !
प.पू. नाना काळेगुरुजीका सम्मान उनके भारतभरके शिष्योंद्वारा बार्शीके अखिल भारतीय ब्राह्मण युवा महासंघने, योगिराज गुलवणी महाराज ट्रस्ट पुणेद्वारा पू. शरद जोशीने तथा पू. श्री माधवतीर्थ महास्वामीने उनके संप्रदायकी ओरसे किया ।
समाजजीवन आनंदी एवं सुलभ हो तथा भारतमें हिन्दू राष्ट्र स्थापित होनेके उदात्त उद्देश्यसे यज्ञका संकल्प ! – अश्वमेधयाजी प.पू. नाना काळेगुरुजी
समारोहके प्रास्ताविक एवं अश्वमेध महासोमयागके विषयका सविस्तर समाचार बताते हुए प.पू. नाना काळेगुरुजीने कहा कि देशकी छवि बलात्कारियोंका देश ऐसी हो गई है । समाजमें नैतिक मूल्योंका नाश हो गया है । जनताका जीवनस्तर पतित हो गया है ईश्वरीय अधिष्ठानके अभावके कारण ही यह स्थिति उत्पन्न हो गई है । इस परिस्थितिको परिवर्तित करने हेतु समर्थ शासन लानेकी आवश्यक थी । समाजजीवन आनंदी एवं सुलभ होने हेतु तथा भारतमें ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित होनेके उदात्त उद्देश्यसे अश्वमेध महासोमयागका संकल्प किया गया । अश्वमेध महासोमयागके कारण गत १६ माहसे देशमें अनेक सकारात्मक गतिविधियां होकर देशकी छविमें सुधार हो रहा है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात