श्रावण कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
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दिल्ली पुलिस के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि देश की राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा रेप के मामले १८ साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ होता है। इसके अलावा ऐसी अधिकतर घटनाएं घरों के अंदर हुए और उनमें दोस्तों या जान-पहचान के लोगों की संलिप्तता पाई गई। दिल्ली पुलिस द्वारा यह ताजा अध्ययन राष्ट्रीय राजधानी में रेप की लगातार बढ़ती घटनाओं को देखते हुए किया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुष्कर्म की ८१.२२ फीसदी घटनाओं में पीड़िता को उसके या आरोपी के घर में ही निशाना बनाया गया तथा दुष्कर्म के कुल ४६ फीसदी मामलों में पीड़िता की उम्र १८ वर्ष से कम है। दुष्कर्म करने वाले आरोपियों में २१ फीसदी पड़ोसी हैं, जबकि ४१ फीसदी मामलों में आरोपी दोस्त या जान-पहचान वाले ही निकले।
अध्ययन के अनुसार, २.२२ फीसदी मामलों में पीड़िता का पिता, १.२५ फीसदी मामलों में सौतेला पिता, ०.६ फीसदी मामलों में भाई, १.३४ फीसदी मामलों में तलाकशुदा पति, १.८ फीसदी मामलों में चाचा या मामा तथा ३.५ फीसदी मामलों में कंपनी के मालिक शामिल पाए गए।
पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस अध्ययन में जनवरी, २०१३ से इस वर्ष जून तक हुए दुष्कर्म के मामलों को शामिल किया गया।
दुष्कर्म के १४ फीसदी मामलों में १६ -१८ आयुवर्ग की लड़कियों को निशाना बनाया गया, १९ – २५ फीसदी मामलों में १२- १६ आयुवर्ग, ६-५ फीसदी मामलों में ७-१२ आयुवर्ग तथा ७-१५ फीसदी मामलों में२-७ आयुवर्ग की बच्चियों को निशाना बनाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र की अबोध बच्चियां तक दुष्कर्म की शिकार पाई गईं। ऐसे मामले ०.३ फीसदी हैं।
घटनास्थलों की बात करें तो ४.५ फीसदी घटनाएं झुग्गियों में, १.५ फीसदी घटनाएं वाहनों में, तीन फीसदी घटनाएं पार्को में, १.२ फीसदी घटनाएं दुकानों या कार्यालयों में, २.५ फीसदी घटनाएं होटलों एवं रोस्तराओं में तथा ०.७५ फीसदी घटनाएं स्कूल या महाविद्यालयों में हुईं।
अध्ययन के अनुसार ९९ फीसदी मामलों में संलिप्त आरोपी पहली बार अपराध में संल्पित पाए गए, जबकि १.६ फीसदी मामलों में अपराधी दूसरी बार अपराध में संल्पित पाए गए।
पिछले वर्ष राष्ट्रीय राजधानी में दुष्कर्म के १,६४७ मामले दर्ज हुए, जबकि इस वर्ष में अब तक ९८४ दुष्कर्म के मामले दर्ज हो चुके हैं।
अध्ययन में आगे कहा गया है कि ८६ फीसदी दुष्कर्म के मामलों में एक आरोपी अपराध में संलिप्त पाया गया, जबकि दो फीसदी मामलों में दो आरोपी पाए गए। सिर्फ १.५ फीसदी मामलों में दो से अधिक आरोपी अपराध में संलिप्त पाए गए।
दुष्कर्म की शिकार होने वाली पीड़िताओं में ६४ फीसदी न्यून आय वर्ग की पाई गईं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस अध्ययन से पुलिस बल को महिलाओं पर होने वाले इस अपराध पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि दिल्ली पुलिस को इस अध्ययन के बाद पुलिसकर्मियों में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए भी एक कार्यक्रम शुरू करना चाहिए।
स्त्रोत : आज तक