श्रावण कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
शासनसे हिन्दू विधिज्ञ परिषदकी मांग
पणजी (गोवा) : हिन्दू विधिज्ञ परिषदने शासनसे यह मांग की है कि शासकीय रुग्णालयमें भोलेभाले रुग्णोंको विभिन्न प्रलोभन दिखाकर उनका धर्मपरिवर्तन करनेका प्रयास करनेवाले ईसाई धर्मप्रसारकोंपर पाबंदी डालनी चाहिए । साथ ही इस संदर्भमें हिन्दू विधिज्ञ परिषदद्वारा गोवाके आरोग्यमंत्री श्री. लक्ष्मीकांत पार्सेकर तथा आरोग्य सचिवके पास एक निवेदन प्रस्तुत किया गया है, हिन्दू विधिज्ञ परिषदके गोवा अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. नागेश ताकभातेद्वारा पत्रकार परिषदमें ऐसी सूचना प्राप्त हुई । उस समय हिन्दू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे भी उपस्थित थे ।
आरोग्यमंत्रीके पास प्रस्तुत किए गए निवेदनमें यह बताया गया है कि अनेक शासकीय प्राथमिक आरोग्य केंद्रों तथा शासकीय रुग्णालयोंमें ईसाई धर्मप्रसारक खुले आम प्रवेश करते हैं एवं रुग्णोंके कक्षमें(वॉर्डमें) घूमते हैं । धर्मपरिवर्तन हेतु अनेक भोलेभाले रुग्णोंको आर्थिक सहायताका अथवा व्याधि ठीक होनेके लिए प्रार्थना करनेका प्रलोभन दिखाते हैं । पहलेसे ही अनेक समस्याओंसे पीडित बेचारे रुग्ण आर्थिक सहायताके लिए अथवा व्याधि शीघ्र ठीक होगी, इस आश्वासनके शिकार होते हैं ।
भारतीय घटनानुसार हम एक धर्मनिरपेक्ष देशमें निवास कर रहे हैं । किंतु शासकीय क्षेत्रमें ऐसे कृत्य करनेके लिए उन्हें अनुमति कैसे प्राप्त होती है ? क्या यह कानूनके अनुसार अपराध नहीं है ?
शासनद्वारा वैद्यकीय उपचारोंमे बाधा उत्पन्न करनेवाला एवं धर्मपरिवर्तनको गति देनेवाला धर्मप्रसार रोकनेके आदेश प्राप्त होने आवश्यक हैं । इन घटनाओंके लिए शासनको रुग्णालयके डीन अथवा वैद्यकीय अधिकारीको उत्तरदायी सिद्ध करना चाहिए । साथ ही प्राथमिक केंद्रोंके प्रवेशद्वारपर इस संदर्भमें स्पष्ट सूचना देनेवाले फलक प्रकाशित करने चाहिए । यदि भविष्यमें भी इस प्रकारका कृत्य किया गया, तो शासनको उत्तरदायी माना जाएगा तथा उस सन्दर्भमें आगेकी कार्रवाई करनेके लिए बाध्य होना पडेगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात