शनिशिंगनापुर के चबूतरे पर महिलाओंके प्रवेश का प्रकरण
नासिक (महाराष्ट्र) : यहां के जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ के माध्यम से सभी हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा शनिशिंगनापुर एवं अन्य देवस्थान में होनेवाला धर्मविरोधी कृत्य रोकने हेतु कठोर वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की गई। साथ ही विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओंका स्थाई रूप से पुनर्वसन करने हेतु ‘पनून कश्मीर’ केंद्रशासित प्रदेश को स्वीकृति देने, एन.सी.ई.आर.टी.’ की पाठ्यपुस्तक में दी गई महाराष्ट्र के संत-देवताओंका इकरहा भाषा में उल्लेख करनेवाली एवं भारतीय संस्कृति के विषय में झूठी तथा अपमान जनक जानकारी देनेवाली जानकारी त्वरित परिवर्तित करने एवं बंगाल के मालदा में धर्माधोंद्वारा की गई हिंसा के प्रकरण में मोदी शासनद्वारा संबंधित लोगोंपर कठोर कार्रवाई करने की मांगें की गर्इं।
आंदोलन के उपरांत इस विषय में उपजिलाधिकारी (रो.ह.यो.) श्री. जी.एम. गाडीलकर को निवेदन दिया गया।
इस अवसर पर ‘शनिशिंगनापुर की पवित्रता को भंग करने की इच्छा रखनेवाले तथाकथित पुरोगामियोंका धिक्कार हो !’, ‘धिक्कार हो ! – एन.सी.ई.आर्.टी. का हिन्दूद्रोही अभ्यासक्रम रद्द करें, रद्द करें !!’ आदि घोषणाएं की गर्इं।
हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता एवं सनातन संस्था के साधक आंदोलन में सम्मिलित हुए थे।
आंदोलन का निरीक्षण करने हेतु राज्य अन्वेषण विभाग की (एस.आइ.डी.) महिला अधिकारी अंत तक उपस्थित रही थीं।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात