श्रावण कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
-
कहां ‘विश्वके रेखाचित्रसे भारतको निकाल देंगे !’
-
हिन्दुद्रोही सूत्रसंचालक अर्णव गोस्वामीका मौन !
-
शिरीष कणेकरने किया दैनिक सामनाद्वारा विरोध !
-
इस धमकीके संदभर्मं भाजपा शासनका क्या मत है ?
-
हिन्दुओ, भारतको ऐसी धमकी देनेवाले धर्मांधोंको सीख देनेके लिए हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना करें !
मुंबई – `टाइम्स नाऊ’ इस अंग्रेजी समाचारप्रणालके `न्यूजआवर’ कार्यक्रमके अंतर्गत एक चर्चासत्रमें पाकिस्तानके प्रवक्ताके रूपमें उपस्थित सय्यद तारिक पीरजादाने धमकी दी है । भारतीयोंको संबोधित कर उन्होंने बताया कि कदाचित आपको इस बातकी कल्पना नहीं है कि यदि युद्ध हुआ, तो हम आपको समाप्त करेंगे । विश्वके रेखाचित्रसे आपका देश निकाल देंगे…! श्रीराम सेनाके संस्थापक श्री. प्रमोद मुतालिकके समान व्यक्तियोंपर गुंडागिरीका आरोप लगा कर विषवमन करनेवाले सूत्रधार अर्णव गोस्वामी इस समय चुप ही थे । (क्या यही है अर्णव गोस्वामीकी धर्मनिरपेक्षता! भारतको धमकी देनेवालोंको मंच उपलब्ध करवानेवाले ऐसे देशद्रोही समाचारप्रणालके कारण ही आज देशका अस्तित्व धोखेमें है । हिन्दुओ, धर्मांधोंकी चापलूसीमें सबसे अग्रेसर रहनेवाले टाइम्स नाऊका बहिष्कार करें तथा पीरजादापर कडी कार्रवाई करनेके लिए संगठित होकर प्रतिकार करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
चर्चाके नामपर पीरजादाकी खुले आम धमकी ! – शिरीष कणेकर, पत्रकार दैनिक सामना
इस संदर्भमें श्री. शिरीष कणेकरने दैनिक सामनामें लिखित टिप्पणी की है । उनका कहना है कि पीरजादा अत्यंत आक्रमक तथा क्रोध उत्पन्न होनेवाले ढंगमें वक्तव्य देता है । पीरजादाके प्रति घिन(घृणा) आती है । इसी गुणधर्मके कारण पाकिस्तान उसे अपने प्रतिनिधिके रूपमें चुनता होगा । हिन्दुस्थानका द्वेष करना ही उनका एक कलमी कार्यक्रम है । यह कार्यक्रम सफलतासे आयोजित करनेवाले जहाल लोगोंकी ही उन्हें आवश्यकता रहती है । पीरजादा उनके अनुसार ज्योति है । सूत्रधार अर्णव गोस्वामीने यह बात कैसे सुनी ? अच्छे-अच्छोंको नोकपर खडा करनेवाला अर्णव क्या कर रहा था ? चर्चाके नामपर यह खुले आम धमकी थी । उन्होंने यह क्यों और कैंसे सहन किया ? चर्चाको इतना अनिष्ट एवं प्रक्षोभक मोड देनेवाले पीरजादाको क्यों नहीं निकाला ? उसे तथा पर्यायीरूपसे पाकिस्तानको योग्य सीख क्यों नहीं दी गई ? अतिथि विषवमन कर रहा था, उस समय क्या हम `अतिथि देवो भव,’ इस उक्तिका पालन करेंगे ? यदि हमारे इस व्यवहारके कारण विश्वने हमें नामर्द कहा, तो उसमें अनुचित क्या होगा ? यदि पाकिस्तानके लोग इस प्रकारका प्रक्षोभक वक्तव्य देंगे, तो उन्हें आमंत्रित ही न करें ! (पीरजादाके वक्तव्यके संदर्भमें त्वरित लिख कर भारतीयोंको सतर्क करनेवाले श्री. शिरीष कणेकरका अभिनंदन ! ऐसे राष्ट्रप्रेमी पत्रकार सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात