श्रावण कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
![]() बार्इ आेरसे आरोपी हुसैन घडियाली, मुश्तक इब्राहिम पटेल, मोहम्मद सुरती, इक्बाल वाडिवाला, युसूफ दाडू |
नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने सूरत में १९९३ में हुए बम ब्लास्ट के ११ अरोपियों को शुक्रवार को बरी कर दिया के टाडा अदालत ने इन लोगों को १० साल से लेकर २० साल की अवधि तक की सजा सुनाई थी। धमाकों में एक लड़की की मौत हो गई थी और ३१ अन्य घायल हो गए थे। टाडा कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को स्वीकार किया था कि धमाके अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराए जाने का बदला लेने के लिए किए गए थे। न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरोपियों और गुजरात सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। आरोपियों ने मामले में टाडा कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
अयोध्या स्थित विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के दौरान २१ जनवरी १९९३ को गुजरात के सूरत के वाराचा इलाके के मिनी बाजार स्थित साधना स्कूल के पास ब्लास्ट हुआ था। इसमें एक छात्रा अल्पा पटेल की मौत हो गई थी, जबकि 11 अन्य घायल हुए थे। ब्लास्ट के अगले ही दिन सूरत रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर फिर ब्लास्ट हुआ था। गुजरात एक्सप्रेस को टारगेट कर किए गए इस ब्लास्ट में ३८ यात्री घायल हुए थे।
स्त्रोत : हरिभूमि