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हिंदूओंके विविध तीर्थस्थलोंका तीर्थ लेकर तमिलनाडू के धर्माभिमानी अयोध्या के लिए मार्गस्थ

काँग्रेस के कार्यकाल के समान भाजपा के कार्यकाल में भी हिंदूओंको राममंदिर के निर्माण की मांग करनी पडती हो, तो हिंदूओंको इन दोनों में होनेवाला भेद कैसे समझ में आएगा ?

तमिळनाडू से ‘अयोध्या’ मार्गस्थ होते हुए हिंदु धर्माभिमानी

चेन्नई : हिंदूओंके विविध तीर्थस्थलोंका तीर्थ लेकर तमिलनाडू के १२ जनपदोंसे आए विविध हिंदुत्वनिष्ठ संगठनोंके २५ धर्माभिमानी हालही में अयोध्या के लिए मार्गस्थ हुए।

इन तीर्थस्थलों में कन्याकुमारी, रामेश्‍वरम (दक्षिण काशी), कुंभकोणम आदी पवित्र तीर्थस्थलोंके तीर्थ का समावेश है। अयोध्या जाकर इस तीर्थ से अभिषेकर राममंदिर के निर्माण की मांग की जानेवाली है !

भारत सुरक्षा परिषद के श्री. राजगुरु यह इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं।

इस अवसरपर बात करते हुए उन्होंने कहा कि …..

१. भाजपा ने चुनाव के पूर्व ‘राममंदिर निर्माण’ का आश्‍वासन दिया था, इसलिए हमने उसपर विश्‍वास कर भाजपा को बडी संख्या में मतदान किया; परंतु आज यह शासन प्रस्तुत प्रकरण न्यायप्रविष्ट होने का कारण आगे कर रहा है। इस हिंदुबहुसंख्यक देश में हिंदूहित के लिए कानूनों में परिवर्तन किए जाने चाहिएं।

२. शासन को यदि कानून बनाना संभव न लगता हो, तो उसको राममंदिर के निर्माण का दायित्व हम जैसे सामान्य हिंदूओंको देना चाहिए। हम यह दायित्व पूरा करेंगे !

३. ‘निर्भया प्रकरण’ के निर्णय के आधारपर बाल अपराधियोंके संदर्भ में होनेवाले कानून में जिस प्रकार से परिवर्तन किया गया, वैसा ही हिंदूओंकी धर्मभावनां का सम्मान करते हुए कानून में परिवर्तन करना चाहिए।

४. पोंगल उत्सव में बैलोंके खेलपर न्यायालयद्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के लिए अथवा न्यूनतम इस कानून में तो परिवर्तन किया जाए, इस मांग के लिए सभी राजनितीक दल आगे आए थे। इस प्रकरण को केंद्र शासन एवं प्रधानमंत्री तक ले जाया जा रहा है। वह तो मात्र एक प्रथा है। तथापि प्रभु श्रीरामचंद्रजी तो समस्त हिंदूओंके आराध्य देवता हैं। तो उसके लिए कानून में परिवर्तन करने की मांग कोई भी राजनयिक दल क्यों नहीं करता ? उसके लिए क्यों आवाज नहीं उठायी जाती ?

५. १ लाख हिंदूओंका निवास होनेवाले क्षेत्र में ५०० मुसलमानोंके लिए मस्जिद बनाई जाती है तथा उसके लिए हिंदू कोई भी व्यवधान नहीं उत्पन्न करते, तो इस हिंदु बहुसंख्यक देश में राममंदिर क्यों नहीं बनाया जा सकता ? वास्तव में मुसलमानोंको स्वयं ही मंदिर निर्माण के लिए सहायता करनी चाहिए !

६. अयोध्या राममंदिर परिसर में अन्य धर्मियोंको व्यवसाय करने प्रतिबंध डालना भी आवश्यक है !

अयोध्या जानेवाले धर्माभिमानी हिंदूओंको विदा करने के लिए हिंदु एळय्यंगार एळुची पेरवई, श्रीराम सेना, तमिलनाडू हिंदु महासभा, हिंदु जनजागृति समिती, साथ ही अन्य हिंदुत्ववादी संगठनोंके कार्यकर्ता उपस्थित थे।

प्रभु श्रीरामजी का जयघोष करते हुए सभी ने उनको विदाई दी !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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