नागरिको, ध्यान रखे उत्तरप्रदेश की सपा सरकार केवल अल्पसंख्यकोंके विरोध के आगे की झुकती है किंतु हिन्दुआेद्वारा किए गए विरोध पर ध्यान भी नहीं देती ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : मुस्लिम संगठनोंके विरोध के कारण उत्तर प्रदेश सरकार को अपने उस निर्णय को वापस लेना पड़ा जिसमें एक से ज्यादा विवाह करनेवाले उर्दू शिक्षकोंको आवेदन के लिए अयोग्य ठहराया गया था। सरकार ने सफाई देते हुए यह भी कहा है कि, कभी ऐसा कोई नियम लाया ही नहीं गया।
शुक्रवार को सरकार की ओर से कहा गया था कि, उर्दू शिक्षकोंकी नियुक्ति पहले से चले आ रहे नियमोंके आधार पर ही होगी, नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बेसिक एजुकेशन मिनिस्टर अहमद हसन ने कहा कि सरकार के आदेश पर हस्ताक्षर करने के क्रम में मैंने आज पाया कि इसमें ऐसा कोई नियम नहीं है। इसलिए हमने इस ओर स्पष्टीकरण जारी किया।
इससे पहले अखिलेश सरकार ने अध्यादेश जारी किया था कि, एक से ज्यादा पत्नियां रखनेवाला व्यक्ती उर्दू शिक्षक नहीं बन सकता। इसपर मुसलमान संगठनोंने इस आदेश या शर्त को मुसलमानोंके धर्म पर आक्रमण करार दिया था।
स्त्रोत : आईबीएन लाइव्ह