श्रावण कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
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पुणे (महाराष्ट्र) – वैसे मंत्रियों के नखरों के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या एक आइसक्रीम मेन्यू में शामिल न करना किसी की नौकरी पर आफत खड़ा कर सकता है ? बिल्कुल कर सकता है यह मामला महाराष्ट्र में सामने आया जब उपमुख्यमंत्री को खाने के बाद आइसक्रीम नहीं दी गई तो दो इंजीनियरों की नौकरी पर आफत आ गई। औरंगाबाद के एक सरकारी गेस्टहाउस में रुके महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को खाने के बाद आइसक्रीम न परोसना दो इंजीनियरों को भारी पड़ गया। जिले के कुछ एनसीपी कार्यकर्ताओं ने इसे मंत्री जी की शान में गुस्ताखी करार देते हुए गेस्ट हाउस प्रबंधन में तैनात दो इंजीनियरों को डीएम के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी करवाया है।
ये है मामला –
एनसीपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए अजित पवार जालना जा रहे थे। रास्ते में वह औरंगाबाद के सरकारी गेस्ट हाउस में लंच के लिए रुके। पवार ने लंच के पूछा कि डेजर्ट में क्या है? गेस्ट हाउस के हाउस कीपिंग स्टॉफ ने कहा कुछ नहीं। इसी बात से कार्यकर्ता नाराज हो गए और उन्होंने औरंगाबाद के जिला कलक्टर विकास कुमार से मामले की शिकायत की। जिसके बाद डीएम ऑफिस ने यह नोटिस जारी कर डेजर्ट में आइसक्रीम न होने का कारण पूछा है।
एनसीपी कार्यकर्ता बोले- आइसक्रीम क्यों नहीं परोसी गई, जांच हो –
नोटिस मिलने से हैरान दोनों इंजीनियरों का कहना है कि गेस्ट हाउस में मेनू बनाने का काम लाइजनिंग ऑफिसर का होता है। इसमें हमारी कोई गलती नहीं है। वहीं मामला तूल पकड़ता देख एनसीपी ने कार्यकर्ताओं की इस हरकत पर हैरत जताते हुए मामले की जांच करवाने की बात कही है।
स्त्रोत : हरिभूमि