नर्इ देहली – देश में लुप्तप्राय देसी भारतीय गायों को कत्तलखाने भेजने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सभी राज्य तथा संघ शासित प्रदेशों से उत्तर मांगा है।
याची का आरोप है कि जैव विविधता को बनाए रखने के लिए देसी गायों को बचाना होगा। इनकी संख्या में निरंतर कमी आ रही है। मामले की अगली सुनवाई २ फरवरी को होगी।
जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को अधिवक्ता अश्विनी कुमार की याचिका पर सुनवाई के बाद राज्यों समेत राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण को सूचना जारी कर उत्तर मांगा है।
तुरंत उठाना चाहिए कदम
याची और अधिवक्ता अश्विनी कुमार ने अपनी दलीलों में कहा कि, देसी गायों की देखभाल ज्यादा करनी होती है, साथ ही यह दूध भी कम देती हैं।
ज्यादा दूध की चाहत में लोग जर्सी गायों को पाल रहे हैं। ऐसी गायों का आयात भी लगातार बढ रहा है। जबकि देसी गायों को कत्तलखानोमें भेजा जा रहा है।
जैव विविधता के पक्षों को देखें तो देसी गायों को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए।
स्त्रोत : अमर उजाला