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खार (मुंबई) में मुसलमान बहुसंख्यक गोलीबार निवासी क्षेत्र में हिंदू भुगत रहे हैं नरकयातनाएं !

महाराष्ट्र की राजधानी में ही यदि ऐसी घटनाएं हो रहीं हो, तो राज्य में अन्यत्र कैसी स्थिती होगी, इसका विचार भी न करना ही अच्छा !

  • धर्मांधोंद्वारा प्रतिदिन हिंदू महिलाआें से रास्तेमें ही छेडखानी !
  • ३ हिंदूआें को धर्मांधोंद्वारा अमानवीय मारपीट, एक की मृत्यु !
  • पुलिसद्वारा धर्मांधों को बचाने का प्रयास !

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खार (मुंबई) – यहां के मुसलमान बहुसंख्यक गोलीबार निवासी क्षेत्र में हिंदूआें को प्रतिदिन नरकयातनाएं भुगतनी पड रही है । धर्मांधोंद्वारा प्रतिदिन हिंदू विवाहित महिला एवं लडकियों से रास्तेमें ही छेडखानी की जाती है । कुछ दिन पूर्व ही (२१ दिसंबर २०१५) एक विवाहित महिला से रास्ते में ही छेडखानी कर रहे कुख्यात धर्मांध गुंडे का उस महिला के पती अजिंक्य ने विरोध किया । तब उनमें हुई झडप में शस्र लगने के कारण उस धर्मांध गुंडे की मृत्यु हुई ।

इस घटना के पश्‍चात अजिंक्यने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है । धर्मांधोंने अजिंक्य के ३ मित्रों से अमानवीय मारपीट की । उनके हाथ-पैरों की उंगलियों को कुचल दिया गया । उनके शरिरपर धारवाले ब्लेडसे अनेक वार कर उनके गाल काटे गए । इस कारण गंभीर रूपसे घायल उन तीनों को चिकित्सालय के अतिदक्षता विभाग में भेजा गया है । उसमें से एक विकास कांबळे इस युवक की उपचार की अवधि में २७ दिसंबर को मृत्यु हुई है तथा अन्य दो युवक सागर नार्वेकर एवं प्रशांत नाईक यह दोनों मृत्यु से जुझ रहे हैं ।

अजिंक्य के परिजनों को भी धर्मांधोंसे उत्पन्न भय के कारण अपना घर छोडकर अन्यत्र रहना पड रहा है । उनको स्थानिय पुलिससे सहायता मिलने की अपेक्षा कष्ट ही दिए जा रहे हैं । स्थानीय हिंदुत्ववादी संगठनों ने प्रधानता लेकर उनको आश्‍वस्त किया है ।


पढे – खार (मुंबई) में मुसलमानबहुसंख्यक बस्ती में ३ हिन्दुआें को कट्टरपंथियों द्वारा अमानवीय मारपीट में एक की मृत्यु !


पिडित हिंदु परिवार की विनामूल्य कानूनी सहायता करने का हिंदु विधिज्ञ परिषद निर्णय !

इस प्रकरण में हिंदु विधिज्ञ परिषदने इस हिंदु परिवार को सर्वतोपरी विनामूल्य कानूनी सहायता देकर उनको न्याय दिलाए जाने का निर्णय लिया है । इसमें हिंदु विधिज्ञ परिषद के २ विधिज्ञोंने संबंधित धर्मांध तथा धर्मांधों के विरोध में सौम्यतापूर्वक भूमिका लेनेवाली पुलिस इनके विरोध में शासन एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इनसे शिकायतें प्रविष्ट की हैं । इसमें पुलिस की भूमिका पूर्णरूपसे पक्षपातपूर्ण एवं धर्मांधों को बचानेवाली होनेके कारण पुलिस हिंदूआें को प्राकृतिक न्याय दे नहीं सकती, ऐसी उस हिंदु परिवार की भावना हुई है ।

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