श्रावण कृष्ण पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
लखनऊ – उत्तर प्रदेश में यमुना नदी इतनी प्रदूषित हो गई है कि मथुरा और आगरा में इस पवित्र नदी का जल अब नहाने योग्य भी नहीं बचा है। राज्य सरकार के प्रदूषण बोर्ड ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि आगरा और मथुरा में यमुना का पानी मछली पालन और खेतों की सिंचाई करने लायक है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव जे.एस. यादव ने शुक्रवार को राजधानी में बताया कि बोर्ड द्वारा सहारनपुर, बागपत, वृन्दावन, मथुरा, आगरा तथा इलाहाबाद शहरों में यमुना नदी के १२ स्थलों पर प्रत्येक माह नियमित रूप से जलगुणता का अनुश्रवण कार्य किया जा रहा है।
वर्ष-२०१४ (जनवरी से मई) में बोर्ड द्वारा किए गए जलगुणता अनुश्रवण कार्य से प्राप्त आकड़ों से जो तथ्य मिले हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं। यादव के अनुसार बागपत, सोनीपत रोड, बागपत एवं हथिनीकुण्ड बैराज सहारनपुर में किए गए अनुश्रवण कार्य के आधार पर वहां यमुना का जल स्नान हेतु उपयोगी पाया गया है।
अपस्ट्रीम वाटर इनटेक-इलाहाबाद, डाउनस्ट्रीम छाछर नाला-इलाहाबाद एवं डाउनस्ट्रीम इमरेंसजी आउटफाल इलाहाबाद पर घुलित ऑक्सीजन, बी़ डी़ ओ़ एवं टोटल क्लोरोफार्म की मात्रा के आधार पर यहां जल पारस्परिक उपचार एवं जीवाणुनाशन के पश्चात ही पीने योग्य है। यानी इलाहाबाद में भी यमुना का पानी पीने योग्य नहीं है।
स्त्रोत : देशबन्धु