अद्ययावत
२६ जुलार्इ २०१४
लुधियानामें हिन्दू संगठनोंद्वारा भव्य निषेध मोर्चा
पूरे भारतके हिन्दुओंको इस प्रकारके मोर्चेका आयोजन कर अमरनाथ यात्रियोंपर होनेवाले आक्रमणका निषेध करना चाहिए !
लुधियाना (पंजाब) – अमरनाथ यात्रापर धर्मांधोंद्वारा किए गए आक्रमणके निषेधार्थ २२ जुलाईको हिन्दू संगठनकी ओरसे भव्य निषेध मोरचाका आयोजन किया गया था । उस समय अग्रवाल पीरखाना ट्रस्टके प्रमुख श्री बंटीबाबाने यह वक्तव्य दिया है कि बालतालमें भंडारेका आयोजन करनेवाली संस्था प्रतिकूल परिस्थितिमें भी श्रद्धालुओंकी सेवा करती है; किंतु विघटनवादी शक्तिओंने शिवभक्तोंकी श्रद्धा आहत की है । यह प्रकरण अत्यंत निंदनीय है । अमरनाथ यात्रा हिन्दुओंकी श्रद्धाका प्रतीक है । बालतालकी घटनाद्वारा हिन्दुओंकी धर्मभावनाएं आहत हुई हैं । (हिन्दुबहुल देशमें हिन्दुओंपर अन्याय होनेके पश्चात केवल एक ही निषेध मोरचाका आयोजन केैसे किया जाता है ? कहां पैलेस्टाईनपर आक्रमण करनेके पश्चात भारतमें मोरचाका आयोजन करनेवाले धर्मांध तथा कहां भारतमें ही हिन्दू यात्रियोंपर आक्रमण होनेपर भी शांतिसे रहनेवाले हिन्दू ? हिन्दुओंमें धर्मबंधुत्वकी भावना कब जागृत होगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
उस समय ट्रस्टके धर्माभिमानी भगवा ध्वज हाथमें लेकर सम्मिलित हुए थे । इसलिए वातावरण भगवामय हुआ था । प्रातः ११ बजे आयोजन किया गया यह मोरचा घंटाघर चौकपर समाप्त हुआ । श्री. योगेश बांसल तथा श्री. बॉबी बहलद्वारा यह मांग की गई कि केंद्रशासन जम्मू-कश्मीरके राज्यशासनको श्रद्धालुओंकी सुरक्षाके संदर्भमें कडा आदेश दे । (तीव्र हिन्दुनिष्ठ नरेंद्र मोदीका भाजपा शासन इस ओर ध्यान देगा या कांग्रेसके कदमपर कदम रखकर चुप रहेगा ? इस स्थितिमें परिवर्तन लाने हेतु हिन्दू राष्ट्र अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) इस अवसरपर नरिंदर गुप्ता, मनोज शर्मा, सोनू महाजन, दीपक मनचंदा, पवन साहनी, अशोक कुमार, अमित वर्मा आदि उपास्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
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धर्मांधोंंद्वारा अमरनाथके यात्रियोंपर किए गए आक्रमणके विरुद्ध पंजाबमें आंदोलन !
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धर्मांधोंंद्वारा अमरनाथके यात्रियोंपर किए गए आक्रमणके निषेधार्थ जम्मू बंद !
२२ जुलार्इ २०१४
धर्मांधोंंद्वारा अमरनाथके यात्रियोंपर किए गए आक्रमणके विरुद्ध पंजाबमें आंदोलन !
![]() अमरनाथके यात्रियोंपर किए गए आक्रमणके विरुद्ध आंदोलन करते हुए हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ते |
पंजाब – १७ जुलाईको बालतालमें धर्मांधोंद्वारा अमरनाथ यात्रियोंपर आक्रमण किया गया था । इस आक्रमणमें धर्मांधोंने हिन्दू लंगरवालोंके तंबू जलाए, जिसमें हिन्दुओंकी १ करोड रुपयोंकी हानि हुई । इस आक्रमणके विरुद्ध पंजाबके फगवाडामें शिवसेना, बजरंग दल, अखिल भारतीय हिन्दू सुरक्षा समिति, परशुराम सेना एवं शिवसेना पंजाब आदि हिन्दुुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा मोर्चा निकालकर एक मस्जिदके समक्ष आंदोलन किया गया । (देशभरके निद्रिस्त हिन्दुओंको इन सक्रिय हिन्दुओंसे सीखना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. हिन्दू शांतिमय वातावरणमें आंदोलन कर रहे थे,उस समय मस्जिदके इमाम मौलाना उबेस उर रहमानके साथ मुसलमानोंने आंदोलनकर्ता हिन्दुओंका विरोध किया ।
२. इस कारण संतप्त हिन्दुओंने मस्जिदपर पथराव किया ।
३. मौलवीने कहा कि रमजानमें मस्जिदपर पथराव सहन नहीं किया जाएगा । इस मोर्चेके विरुद्ध २१ जुलाईको आंदोलन करेंगे ।
४. फगवाडा पुलिस अधीक्षक गुरुबचन सिंहने मौलवी उबेस उर रहमानको आश्वासन दिया कि किसी भी मुसलमानके साथ कोई विपरीत घटना नहीं होने देंगे । (क्या दंगेके समय पुलिसद्वारा हिन्दुओंको कभी ऐसा आश्वासन दिया गया है ? इसके विपरीत बालतालमें मुसलमानोंद्वारा किए गए आक्रमणमें दो मुसलमान पुलिस भी सम्मिलित हो गए थे । हिन्दुओ, इस स्थितिको परिवर्तित करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही चाहिए !- संपादक़, दैनिक सनातन प्रभात )
५. मुसलमानोंके इस आंदोलनको हिन्दू संगठनोंद्वारा विरोध दर्शाया गया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
२१ जुलार्इ २०१४
धर्मांधोंंद्वारा अमरनाथके यात्रियोंपर किए गए आक्रमणके निषेधार्थ जम्मू बंद !
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- धर्मांधोंद्वारा अमरनाथ यात्रियोंपर इतने बडे आक्रमणको एक सुनियोजित षडयंत्र ही कहना पडेंगा । इस विषयमें गुप्तचर विभागको पहले जानकारी कैंंसे नहीं मिली ? मोदी सरकारने अमरनाथ यात्राको सुरक्षा क्यों नहीं प्रदान की ? क्या सरकारको ऐसा प्रतीत नहीं होता कि अमरनाथ यात्रियोंकी रक्षा करना अपना दायित्व है ?
- पुलिसद्वारा यात्रियोंपर हुए आक्रमणको क्षुद्र मारपीटका स्वरूप देनेका संंतापजनक प्रयास !
- 'आक्रमणके निषेधार्थ साधू समाज एवं हिंदुत्वनिष्ठ समाज रास्तेपर ! ' अब्दुल्लाका पुतला जलाया गया !
जम्मू – धर्मांधोंद्वारा बालतालमें अमरनाथ यात्रियोंपर किए गए आक्रमणके निषेधार्थ विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दलने १९ जुलाईको जम्मू बंदका आवाहन किया था । इस घटनाका हिन्दुओंपर तीव्र परिणाम हुआ एवं संपूर्ण साधू समाज मार्गपर आया । हिंदुत्वनिष्ठोंने अन्य एक स्थानपर किए आंदोलनमें जम्मू-कश्मीरके मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाका पुतला जलाया ।
धर्मांधोंद्वारा १८ जुलाईको अमरनाथ यात्रियोंपर किए गए आक्रमणमें ६० यात्री घायल हो गए, जिनमें ७ यात्रियोंकी प्रकृति गंभीर है, ऐसा पता चला है । इस घटनाकी जांच करने हेतु जम्मू-कश्मीरके मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाने एक वरिष्ठ अधिकारीकी नियुक्ति की है । भारतके गृहमंत्री राजनाथ सिंहने ओमर अब्दुल्लासे संपर्क कर उन्हें यात्रियोंकी सुरक्षाके लिए उचित कदम उठानेंके आदेश दिए हैं । परंतु यात्रियोंपर हुए इस भयंकर आक्रमणको जम्मू-कश्मीर पुलिसद्वारा क्षुद्र मारपीटका स्वरूप देनेका प्रयास किया गया ।
उनके ब्यौरेमें कहा गया है कि कुछ तंबू जल गए एवं कुछ लोग घायल हो गए हैं । वहां एकत्रित हुए धर्मांध जिहादीके संदर्भमें साधारणसा उल्लेख भी इस ब्यौरेमें नहीं किया गया है । ‘हिन्दू एक्झस्टन्स’ संकेतस्थलद्वारा यह समाचार प्रसिद्ध किया गया है ।
अमरनाथ यात्रियोंपर धर्मांधोंद्वारा आक्रमणमें हिन्दुओंकी हानि !
१. यात्रियोंके ११० तंबू जलाए गए
२. १५ लंगरके संपत्तिकी तोडफोड
३. लगभग ३० वाहनोंकी तोडफोड
४. १५० गैस सिलेंडर जलाए । इसमें अनेक सिलेंडरके विस्फोट हुए
५. २१ सुरक्षा रक्षकोंके साथ ६० यात्री घायल : ७ लोगोंकी प्रकृति गंभीर
६. ५ सहस्र श्रद्धालु जमानतपर रखे गए
७. १ दिनके लिए यात्रा रोकी गई
८. लगभग १ कोटि रुपयोंकी हानि
इतनी गंभीर घटनाके पश्चात शासकीय स्तरपर हुई संवेदनाहीन औपचारिकता !
१. हिन्दुओंपर आक्रमणकी घटनाके उपरांत जम्मू-कश्मीरके राज्यपाल एन.एन. बोहराने संताप व्यक्त कर सभीको एक-दूसरेके साथ मित्रतापूर्ण वातावरण संजोए रखनेका आवाहन किया ।
२. बोहराने जम्मू-कश्मीरके मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाके साथ विचार-विमर्श किया ।
३. अब्दुल्लाने इस घटनाकी जांचके लिए एक वरिष्ठ अधिकारीकी नियुक्ति की । छेडखानीके इस प्रकरणसे इस विवादका आरंभ हुआ, ऐसा कहा जा रहा है । इस विवादमें एक धर्मांधकी सहायताके लिए सैकडों धर्मांधोंने आकर भारी मात्रामें तोडफोड की ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात