श्रावण कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
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रायपुर – छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अब हिंदी में भी याचिकाएं मंजूरी की जाएंगी और फैसले भी हिंदी में सुनाए जाएंगे। कार्यालयी भाषा के रूप में हिंदी को मान्यता देने के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके तहत अब आदेश, फैसले और डिक्री भी हिंदी भाषा में पारित किए जाएंगे। न्यायालय ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
संविधान के अनुच्छेद ३४८ (२) और राजभाषा अधिनियम की धारा सात का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय राज्यपाल से अधिसूचना जारी करने का आग्रह करेगा। इस अनुच्छेद के तहत संबंधित राज्य का राज्यपाल, राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से उस उच्च न्यायालय की कार्यवाही में उस भाषा के उपयोग को प्राधिकृत कर सकेगा, जो उस राज्य में सर्वाधिक चलन में है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिकाएं हिंदी में मंजूर कर ली जाती हैं, बहस भी हिंदी में होती है, लेकिन प्राय: सभी फैसले और आदेश अंग्रेजी में पारित किए जाते हैं। इससे गांवों और दूर-दराज से आने वाले याचिककर्ताओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्हें आदेशों के हिंदी अनुवाद के लिए वकीलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि राजभाषा अधिनियम की धारा सात में उच्च न्यायालय के फैसलों में हिंदी या अन्य राजभाषाओं के वैकल्पिक उपयोग का प्रावधान किया गया है।
स्त्रोत : पंजाब केसरी