मुंबर्इ – पाकिस्तान के पेशावर स्थित बाचा खान विश्वविद्यालय में बीस जनवरी को हुए आतंकवादी आक्रमण में पच्चीस लोगों की मृत्यु हो गई थी । इस आक्रमण को लेकर पाकिस्तान के भूतपूर्व मंत्री रहमान मलिक ने भारत को उत्तरदायी ठहराया है ।
जबकि तहरीक-ए-तालिबान ने स्वयं इस आक्रमण का दायित्व लेने की बात कही थी । तत्पश्चात आक्रमण के पीछे उसका हाथ होने की बात को नकार दिया था ।
रहमान मलिक ने कहा की, इस आक्रमण में भारतीय गुप्तचर संस्था रॉ का हाथ है । वे तहरीक-ए-तालिबान के साथ मिल गए हैं । भारत के रक्षा मंत्री पर्रीकर द्वारा किए गए वक्तव्य के अनुसार ही यह आक्रमण हुआ है ।
नागरिको बता दें की, पठानकोट आक्रमण के उपरांत पर्रिकर ने कहा था की जिन्होंने हमें पीडा दी है, उनको भी हम पीडा का अनुभव कराएंगे । – सम्पादक, हिन्दूजागृति
वहीं शिवसेना ने विश्वविद्यालय पर हुए आक्रमण के लिए स्वयं पाकिस्तान को उत्तरदायी ठहराया है । अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि पाकिस्तान ने जिन सपोलों को (सपोलों को अर्थात सांप के बच्चों को) भारत के विरुद्ध उपयोग के लिए पाला था वह अब स्वयं उन्हें ही डसने में लगे हुए हैं।
नवाज शरीफ की नैतिकता पर प्रश्न खड़ा करते हुए आगे कहा है कि नवाज शरीफ आतंक को उखाड़ फेंकने की बात करते हैं
वह क्या वास्तव में ऐसा कर पाने का साहस रखते हैं ?
स्त्रोत : जागरण