श्रावण कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
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राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किसलिए ?
१. महाराष्ट्रमें कांग्रेस संयुक्त सरकारद्वारा चुनावको सामने रखते हुए मुसलमानोंके मतोंके लिए लागू किए गए ५ प्रतिशत आरक्षणका विरोध करने, हेतु
२. भारतका अविभाज्य क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश एवं कश्मीरका कुछ भाग अपना प्रदेश होनेके संदर्भमें विकृत मानचित्र प्रकाशित करनेवाले चीनको सबक सिखाने हेतु उनके उत्पादोंपर भारतीय आर्थिक बहिष्कार करें
३. हिन्दू संतोंकी अपकीर्ति कर हिन्दू समाजसे उन्हें तोडनेका षडयंंत्र रचानेवाले व्यक्तियोंपर कार्यवाही करें
४. अमरनाथ यात्राके लिए तत्काल सुरक्षा प्रदान करने
५. ‘आई.एस.आई’ आतंकवादी संगठनका समर्थन करनेवाले लोगोेंका निषेध करना ।
क्या भारतने चीनकीे विदेश नीति भी आयात की है ? – पराग गोखले
पुणे – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दिनपूर्व ही ‘ब्रिक्स’ परिषदमें जाकर आए हैं । वहां चीनके अध्यक्षसे मोदी चर्चा कर रहे थे, उसी समय चीनके सैनिकोंने भारतमें तीन बार घुसपैठ की । इस समय भारतके गृहमंत्री राजनाथ सिंहने स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ‘सीमारेखा अस्पष्ट होनेके कारण ऐसा हुआ ।’ ऐसे समय प्रश्न उपस्थित होता है कि राजनाथसिंह भारतके गृहमंत्री है अथवा चीनके ? राष्ट्रीय हिंदू आंदोलनद्वारा डेक्कनके गुडलक चौकमें आयोजित आंदोलनमें बोलते समय हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. पराग गोखलेने ‘क्या भारतने चीनकी वस्तुएं आयात करनेके साथ चीनकी नीतिको भी आयात करना चालू किया है ?’ ऐसा संतप्त प्रश्न उपस्थित किया । इस अवसरपर १२५ से अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे । ‘अमरनाथ यात्राको उचित सुरक्षा प्रदान न करनेवाले केंद्रशासनका धिक्कार हो !’, ‘हिन्दुओंको फसानेवाले महाराष्ट्र शासनका धिक्कार हो !’, ‘हिन्दुओंको छलनेवाले महाराष्ट्र शासनका धिक्कार हो !' इस प्रकारकी जोरदार घोषणाएं इस अवसरपर दी गई । उसीप्रकार पतितपावन संगठनके सहसंगठक श्री. विजय गावडेने हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यको पूर्ण रूपसे समर्थन दर्शाया ।
कांग्रेसने संतोंकी अपकीर्ति करनेका षडयंत्र चालू किया है । शासन विविध प्रकारसे मुसलमानोंकी चापलूसी कर रहा है । मुसलमानोंको विविध प्रकारके अनुदान दिए जाते हैं; परंतु वारकरियोंके लिए साधारण अच्छे मार्गोंकी सुविधा भी उपलब्ध नहीं करवाई जाती । शासन हिन्दू साधु-संतोंको प्रताडित करता है । सरकारमें यदि इतना ही साहस है, तो अनेक अपराधोंमें लिप्त मुल्ला-मौलवी एवं इमाम बुखारीको बंदी बनाकर दिखाए ।
उपस्थित मान्यवर – पतितपावन संगठनके श्री. भाऊ कोली, राजे शिवछत्रपति वारकरी शिक्षा संस्थाके ह.भ.प. वैजनाथ महाराज घोंगडे, विश्व हिन्दू परिषदके श्री. पटवर्धन
यदि हिन्दू हितोंका विचार नहीं किया गया, तो महाराष्ट्रमें आगामी चुनावमें सत्तापरिवर्तन ! – दिलिप भिवटे
कोल्हापुर – छत्रपति शिवाजी महाराजने हमें दुर्जनोंका विनाश एवं अपनी रक्षा करना सिखाया है; परंतु हम वैसा आचरण नहीं करते । हमें सरकारपर नियंत्रण रख उसे फटकारना चाहिए । हिन्दू एकता आंदोलनके प्रांत उपाध्यक्ष श्री. दिलीप भिवटेने चेतावनी दी है कि जिसप्रकार हिन्दू हितका विचार न करनेके कारण केंद्रमें सत्तापरिवर्तन हुआ, उसीप्रकार परिवर्तन महाराष्ट्रमें भी होगा । २० जुलाईको शिवाजी चौकमें आयोजित आंदोलनमें वे बोल रहे थे । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. मानसिंह शिंदे एवं श्री. बाबासाहेब भोपळेने भी अपना मनोगत व्यक्त किया ।
देश, मंदिर एवं धर्मरक्षा अपना प्रथम कर्तव्य ! – संभाजी भोकरे, शिवसेना
देश, मंदिर एवं हिन्दू धर्मकी रक्षा करना अपना प्रथम कर्तव्य है । जिस समय पाकिस्तानी आतंकवादियोंने अमरनाथ यात्रा रोकनेकीr धमकी दी थी, तो शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरेने ‘यदि ऐसा हुआ, तो हज यात्रा नहीं होने देंगे’ ऐसी चेतावनी दी थी । शिवसेना उपजिलाप्रमुख श्री. संभाजी भोकरेने प्रतिपादित किया कि यदि अमरनाथ यात्राको उद्धवस्त करनेका प्रयास किया गया, तो वे उसे विफल करेंगे ।
धाराशिवमें हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा जिलाधिकारीको निवेदन प्रस्तुत !
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धाराशिव – यहांके जिलाधिकारी कार्यालयके सामने १९ जुलाई २०१४ को आंदोलन किया गया । इस अवसरपर भारतके प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी एवं महाराष्ट्रके राज्यपालके नामपर निवासी जिलाधिकारी श्री. संजय गायकवाडको निवेदन दिया गया । इस अवसरपर शिवसेना जिलाप्रमुख श्री. सुधीर पाटिल, भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्री. लक्ष्मण माने, भाजपके नगराध्यक्ष श्री. भीमा जाधव, शिवराजे प्रतिष्ठानके संस्थापक श्री. अर्जुन साळुंंके, भा.ज.यु.मो.के जिला उपाध्यक्ष श्री. बाळाजी जाधव, श्री. पांडुरंग पवार, हिन्दू जनजागृति समितिके सर्वश्री अमित कदम, विनोद रसाल, सनातन संस्थाकी श्रीमती मंगला गणेश आदि उपस्थित थे ।
क्षणिकाएं
१. इस अवसरपर १५० से अधिक राष्ट्राभिमानियोंके हस्ताक्षर लिए गए ।
२. अनेक मुसलमान समीपसे आंदोलन देख रहे थे, जिनमें एक मुसलमान जानबूझकर आंदोलनके सामने गाडीपर खडा था । ( क्या इस प्रकारसे हिन्दू कभी धर्मांधोंके आंदोलनस्थलपर आचरण करनेका साहस करते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. पुलिसद्वारा आंदोलनको लिखित रूपमें अनुमति नहीं दी गई एवं कहा गया कि आप आंदोलन करें, आपको कोई अडचन नहीं आएगी । समितिका एक कार्यकर्ता २ घंटा ३० मिनट बैठा रहा, तब भी लिखित अनुमति नहीं दी गई । ( क्या इस प्रकार पुलिसद्वारा धर्मांधोंको प्रतीक्षा करनेपर कभी बाध्य किया गया है ? केवल हिन्दू संगठनोंको वैधानिक मार्गसे आंदोलन करनेमें बाधा उत्पन्न करनेवाली पुलिस यदि धर्मांधोंद्वारा मारी गई, तो क्या हिन्दुओंको कभी बुरा लगेगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. आंदोलनस्थलपर बंदोबस्तके लिए २ पुलिसकर्मी उपस्थित थे ।
५. शिवसेनाके जिलाप्रमुख श्री. सुधीर पाटिलने आंदोलनको सार्वजनिक समर्थन दिया ।
६. ‘धाराशिव इन’ प्रणालद्वारा आंदोलनका प्रक्षेपण किया गया ।
जलगांवमें पुलिसद्वारा राष्ट्रीय हिंदू आंदोलनके छायाचित्र खींचे गए !
क्या पुलिसने धर्मांधोंके आंदोलनके संदर्भमें आजतक कभी ऐसा कृत्य किया है ?
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जलगांव – पुलिसद्वारा यहांके शिवतीर्थ चौकमें १९ जुलाईको किए गए राष्ट्रीय आंदोलनके भ्रमणभाषद्वारा छायाचित्र खींचे गए । आंदोलनके उपरांत हिन्दुत्वनिष्ठोंने उपजिलाधिकारी श्री. धनंजय निकमको निवेदन दिया । इस अवसरपर शिवसेनाके उपमहानगरप्रमुख श्री. मोहन तिवारी, स्वराज्य निर्माण सेनाके श्री. कपिल ठाकुर, श्री. महेश सपकाले, हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. निरंजन चोडनकर, श्री. श्रेयस पिसोळकर एवं सनातन संस्थाके श्री. दत्तात्रय वाघुळदे तथा श्रीमती नंदा नागणे आदि उपस्थित थे ।
क्षणिकाएं
१. भारी वर्षा होते हुए भी धर्माभिमानियोंकी उपस्थिति लक्षणीय थी ।
२. शालेय विद्यार्थियोंने बडी संख्यामें सहभाग दर्शाया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात