श्रावण कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११६
लखनऊ (उत्तर प्रदेश) – पिछले सप्ताह १७ जुलाई को यूपी विजिट पर मोहनलालगंज अाए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की आगवानी के लिए अखिलेश सरकार ने फर्जीवाडा किया था। बिल क्लिंटन मोहनलालगंज स्थित जबरौली के पूर्व माध्यमिक स्कूल में बच्चों से बात करके बेहद प्रभावित हुए थे। क्लिंटन ने यूपी सरकार की भी खूब तारीफ की थी कि यहां सरकारी स्कूलों में बच्चों को इतनी अच्छी शिक्षा दी जाती है। लेकिन असलियत कुछ और ही थी।
सूत्रों के मुताबिक क्लिंटन को जिस छात्र से विशेष रूप से मिलवाया गया था, वह यहां का छात्र ही नहीं था। एक हिंदी समाचार पत्र की पड़ताल में सामने आया है कि वह बच्चा मोहनलालगंज के ही प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल, सिटी इंटरनैशनल स्कूल, में आठवीं कक्षा का छात्र है। सूत्रों के अनुसार क्लिंटन पर प्रभाव जमाने के लिए किए गए इस खेल की जानकारी बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) को भी थी क्योंकि उन्हीं के कहने पर छात्रों का वह गुट बना था जिसे क्लिंटन से मिलवाया जाना था। इस गुट में जबरौली गांव के ही एक किसान का यह बेटा भी शामिल किया गया था।
इस छात्र ने मोहनलालगंज के ही सेंट पीटर्स स्कूल में सातवीं कक्षा तक की पढ़ाई की। इसी साल जून में उसका ऐडमिशन सीआईएस में कराया गया था। दावा करने वाले अखबार के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार इस छात्र का प्रवेश रातों-रात जबरौली के सरकारी पाठशालामें दिखा दिया गया। स्कूल प्रबंधन ने बगैर टीसी और प्रगती-पुस्तिका लिए ही उसका ऐडमिशन कर लिया। बच्चे का नाम स्कूल के रजिस्टर में दर्ज है। उसे सरकारी गणवेश (युनीफॉर्म) भी मुहैया करवाई गई ताकि किसी को उसके बाहरी होने का शक न हो।
स्त्रोत : हरिभूमि