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शनिदेव की कृपा से पुलिस ने भूमाता ब्रिगेड की नास्तिक महिलाआें को सुपे ग्राम में रोका !

शनिशिंगणापुर के ग्रामीणों और हिन्दुत्ववादियों के संगठित शक्ति की जीत !

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श्रीक्षेत्र शनिशिंगणापुर के श्री शनिदेव लाखों श्रद्धालुआेंके श्रद्धास्थान हैं । इस मंदिर के चबूतरेपर महिलाआें तथा पुरुषोंका प्रवेश मना है । फिर भी, तथाकथित आधुनिकतावादी संगठन भूमाता ब्रिगेड ने २६ जनवरी को चबूतरे पर चढकर पूजा करने के लिए चार सौ महिलाओ के साथ आंदोलन करने की चेतावणी दी थी । उनके इस धर्मविरोधी आंदोलन का ग्रामिणोंने, देवस्थान समितीने, शिवसेना, हिंदु जनजागृति समिती, सनातन संस्था आदि हिंदुत्ववादी संगठनोंने विरोध आरंभ किया था ।

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२६ जनवरीको, ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ अर्थात जो धर्म की रक्षा करता है, उसकी रक्षा धर्म अर्थात ईश्‍वर करते है, इसकी अनुभूती हुई । सवेरे धर्म की परंपरा तोडने के लिए इस संगठन की नास्तिक महिलाएं पुणे से नगर जिले के शनिशिंगणापुर की ओर चल पडीं । परंतु, पुलिस-प्रशासनने भूमाता ब्रिगेड की तृप्ती देसाई और अन्य महिला कार्यकर्त्रीओं को नगर जिले के सुपा गाव में ही रोक दिया । यहां महिलाआें को रोकने पर तृप्ती देसाई और उनके संगठन की महिलाएं बैठकर आंदोलन करने लगीं । कुछ महिलाएं मार्ग पर ही लेट गईं । इस स्थान पर नारे लग रहे थे । पुलिसने तृप्ती देसाई को हिरासत में ले लिया । मंदिर में भूमाता ब्रिगेड की महिलाएं न घुस पाएं, इसके लिए पुलिस सवेरेसे ही महिलाआेंसे उनके परिचय पत्र पूछ रही थी और उनकी जांच कर रही थी । इस गांव के आसपास बडी संख्या में पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए थे ।

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