अकारण विवाद उत्पन्न कर विधि एवं सुरक्षा पर संकट लानेवाली भूमाता ब्रिगेड पर शासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ! – हिन्दू जनजागृति समिति की प्रसिद्धी पत्रकद्वारा मांग
पुणे (महाराष्ट्र) : शनिशिंगनापुर के श्री शनिदेव का दर्शन करने में देवस्थानद्वारा स्त्री-पुरुष में कोई अंतर नहीं किया गया है ! सभी को निश्चित अंतर से दर्शन करने की सुविधा होते हुए भी सीधे श्री शनिदेव के चबूतरे पर चढ कर धार्मिक प्रथा तोडने का आग्रह करनेवाली अहंकारी एवं प्रसिद्धि की लालची महिलाओंको रोका गया।
यह सफलता देवस्थान मंडल, शनिशिंगनापुर के ग्रामवासी एवं सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंकी संघशक्ति की है।
इस संदर्भ में महाराष्ट्र शासन एवं पुलिस प्रशासनद्वारा अपनाई गई न्यायपूर्ण भूमिका का हम स्वागत करते हैं; परंतु यह संकट अभी पूर्ण रूप से टला नहीं !
भविष्य में ऐसी अनुचित एवं धार्मिक प्रथाओंको कलंकित करने के प्रयास शनिशिंगनापुर तथा अन्य तीर्थक्षेत्रोंपर न हों, इस हेतु शासन एवं प्रशासन को सतर्क रह कर निश्चित तथा स्थायी उपाय करें, ऐसी हमारी मांग है।
हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने एक प्रसिद्धि पत्रकद्वारा ऐसा कहा है।
इस पत्रक में आगे कहा गया है कि, भूमाता ब्रिगेड एवं तथाकथित प्रगतिशील लोग ऐसा शोर कर रहे हैं कि; शनिशिंगनापुर में महिलाओंको समानाधिकार न देने से संविधान का अपमान हो रहा है। इसी संविधान ने प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक प्रथा-परंपराओंका पालन एवं रक्षा करने का अधिकार भी दिया है !
इस बात को ये प्रगतिशील लोग इतनी सहजता से क्यों और कैसे भूल जाते हैं ?
शनिंशिंगनापुर एवं वहां के महिलाओंकी ग्रामसभाओंद्वारा पुलिस के समक्ष शनिशिंगनापुर की धार्मिक प्रथा-परंपरा न तोडने का प्रस्ताव पारित किया गया। शासकीय स्तर पर ऐसी नीति है कि, ग्रामसभाओंको अधिकाधिक निर्णय लेने की स्वतंत्रता देना।
फिर भी भूमाता ब्रिगेड एवं तथाकथित प्रगतिशील लोग सीधे इसे ही चुनौती देकर ‘कानून द्रोह’ कर रहे हैं।
हमारी ऐसी मांग है कि, अकारण विवाद उत्पन्न कर विधि एवं सुरक्षा पर संकट लानेवाली भूमाता ब्रिगेड पर शासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात