इस्लामिक स्टेट से जुडे होने के अारोप में तुरंत शिक्षा सुनानेवाले ब्रिटन का भारत सरकार ने आदर्श लेना चाहिए – सम्पादक, हिन्दूजागृति
सीरिया से वापस लौटनवाली पहली ब्रिटन की महिला को चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट की सदस्यता लेने और ट्विटर के जरिए चरमपंथ को बढावा देने के अारोप में दोषी पाया गया है। बर्मिंघम की रहने वाली २६ साल की तरीना शकील सीरिया गई थीं । तरीना को आज सजा सुनाई जानी है।
बर्मिंघम क्राउन न्यायालय में दो सप्ताह चली सुनवाई के बाद जूरी ने उनके इस दावे को निरस्त कर दिया कि वह केवल शरिया कानून के अनुसार रहना चाहती थीं।
जूरी को तरीना के ट्वीट्स, संदेश तथा चित्रे दिखाई गईं इसमें वह चित्रे भी थी, जिसमें इस्लामिक स्टेट का झंडा और लोगों से ‘हथियार उठाने’ का संदेश दिया था।
उन्होंने अपने एक संदेश में ‘शहीद’ होने की इच्छा भी जताई थी। २०१४ में सीरिया जाने के बाद तरीना ने इस्लामिक स्टेट के चिह्न वाला कपडा पहनकर अपने बेटे के साथ तस्वीरें खिंचवाईं थीं। उनका कहना था कि उनके बच्चे को ‘हैट अच्छा लगता है’।
स्त्रोत : अमर उजाला