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इतिहास का विकृतीकरण करनेपर फिल्म बाजीराव मस्तानी को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का नोटिस

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जबलपुर (मध्यप्रदेश) : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने फिल्म बाजीराव मस्तानी को लेकर एक बार फिर संजय लीला भंसाली, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण व प्रियंका चोपड़ा सहित अन्य को नोटिस जारी की है। यह प्रकरण सीहोर निवासी मस्तानी के वंशज तमकीन अली बहादुर की याचिका से संबंधित है। शुक्रवार को वरिष्ठ न्यायमूर्ति शांतनु केमकर की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई।

उन्होंने दलील दी कि १४ दिसम्बर २०१५ को मामले की सुनवाई के दौरान असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जिनेन्द्र कुमार जैन ने उच्च न्यायालय को जानकारी दी कि, अब तक फिल्म सर्टिफिकेशन लिए केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुई है। अत: याचिका प्रीमैच्योर होने के कारण निरस्त किए जाने लायक है। उच्च न्यायालय ने इस जानकारी को आलेख पर लेकर याचिका निरस्त कर दी थी। जबकि सूचना के अधिकार में पता चला कि सेंसर बोर्ड ने ११ दिसम्बर २०१५ को ही प्रमाणपत्र जारी कर दिया था।

मूल आपत्ति यही है कि, फिल्म में मस्तानी को नाचते हुए दिखाया गया, पेशवा बाजीराव से बिना विवाह पुत्रजन्म होने का चित्रण किया गया, जबकि यह ऐतिहासिक सत्य के विरुद्ध है। वास्तविकता यह है कि, पन्‍ना के महाराजा की बेटी मस्तानी ने विधिवत विवाह के बाद पुणे आकर पेशवा के साथ निवास किया था। साथ ही बाजीराव की रानी काशीबाई को भी नाचते दिखाना गलत है।

स्त्रोत : नई दुनिया

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